महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता अनिल परब को ईडी ने बुधवार को तलब किया

महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब को दापोली में उनके रिसॉर्ट से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने तलब किया

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है जिसकी जांच ईडी कर रहा है.
नई दिल्ली:

महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री और शिवसेना नेता अनिल परब (Anil Parab ) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कल तलब किया है. दापोली में परब के रिसॉर्ट से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (Money laundering case) के मामले में उनको तलब किया गया है. ईडी ने पिछले माह रत्नागिरी जिले के दापोली समुद्र तट क्षेत्र में एक रिसॉर्ट के निर्माण में मानदंडों के कथित उल्लंघन से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के के लिए अनिल परब और अन्य के कई ठिकानों पर छापे मारे थे. 

केंद्रीय जांच एजेंसी ने धनशोधन रोकथाम कानून (PMLA) के तहत अनिल परब के खिलाफ मामला दर्ज किया है. महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री एवं एनसीपी नेता अनिल देशमुख के खिलाफ दर्ज एक अन्य मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी भूमिका की ईडी पहले से ही जांच कर रहा है.

ईडी ने मुंबई के बांद्रा में परब के आवास, दापोली और पुणे में उनसे संबंधित परिसरों और कथित तौर पर उनसे जुड़े सदानंद कदम जैसे लोगों सहित कम से कम सात परिसरों की तलाशी ली थी. परब के आवास पर छापे के दौरान शिवसेना के कई कार्यकर्ता वहां जमा हो गए थे और ईडी की कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था.

महाराष्ट्र विधान परिषद में शिवसेना के तीन बार सदस्य निर्वाचित हो चुके 57 वर्षीय अनिल परब राज्य के परिवहन एवं संसदीय मामलों के मंत्री हैं. 

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने अनिल परब को कारण बताओ नोटिस दिया था. मंत्रालय ने उनके दापोली रिसॉर्ट को अवैध बताया है. इसका संज्ञान लेने के बाद ईडी ने केस दर्ज किया था. उन पर तटीय विनियमन क्षेत्र में मानदंड के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है.

मुंबई से लगभग 230 किमी दूर दापोली एक सुंदर तटीय हिल स्टेशन है. क्षेत्र में विला, रो हाउस और फ्लैट सहित कई रियल एस्टेट परियोजनाएं चल रही हैं. अनिल परब कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के कुछ अन्य आरोपों का सामना कर रहे हैं.

Advertisement

परब ने दापोली में 2017 में एक प्लाट खरीदा था. इस प्लाट को 2019 में रजिस्टर किया गया था. इस प्लाट को मुंबई के केबल ऑपरेटर सदानंद कदम को 2020 में बेच दिया गया था. इस बीच, इसी जमीन पर 2017 से 2020 तक एक रिजॉर्ट बनाया गया.

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने मार्च में एक बयान में कहा था कि रिजॉर्ट का निर्माण 2017 में शुरू हुआ था और इसके निर्माण में छह करोड़ रुपये नकद खर्च किए गए थे. रिसॉर्ट के निर्माण के बारे में प्रासंगिक तथ्यों को पंजीकरण अधिकारियों को सूचित नहीं किया गया था और स्टांप शुल्क का भुगतान दोनों अवसरों पर यानी 2019 और 2020 में भूमि के पंजीकरण के लिए किया गया था.

Advertisement

पर्यावरण मंत्रालय के नोटिस में कथित तौर पर कहा गया है कि दापोली रिसॉर्ट की इमारत और सड़क उच्च ज्वार क्षेत्र के 200 मीटर के भीतर आती है, जो सीआरजेड-तीन के तहत नो-डेवलपमेंट जोन में आता है. परब ने इस रिसॉर्ट से अपने जुड़ाव से साफ इनकार किया है.

यह भी पढ़ें -

* ""VIDEO: प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस के श्रीनिवास बीवी को दिल्‍ली पुलिस ने घसीटते हुए बस में पहुंचाया
* ""हमने किसी से मारपीट नहीं की" : प्रदर्शन के दौरान चोट लगने के कांग्रेस के आरोपों पर बोली दिल्ली पुलिस
* ""क्रोनोलॉजी समझिए...", राहुल गांधी से ED की पूछताछ पर कांग्रेस का जोरदार हमला

Advertisement
Featured Video Of The Day
Bahraich Tehsildar News BREAKING: पहले मारी टक्कर, फिर 30 किलोमीटर तक युवक को घसीटती रही नायब तहसीलदार की कार
Topics mentioned in this article