ED ने 20 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति जब्त की, मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जांच जारी

जांच में खुलासा हुआ कि जेपीसीपीएल ने बैंक ऑफ इंडिया और अन्य बैंकों से विभिन्न ऋण सुविधाएं प्राप्त की थीं. इन धनराशियों को विभिन्न इकाइयों और कंपनी के निदेशकों के व्यक्तिगत खातों में स्थानांतरित कर दिया गया.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
नई दिल्ली:

अहमदाबाद स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ज्योति पावर कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड (JPCPL) के निदेशकों/साझेदारों और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर पंजीकृत 15.01 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां (वर्तमान बाजार मूल्य 20 करोड़ रुपये) अस्थायी रूप से जब्त की हैं. यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है.

ईडी ने यह जांच सीबीआई, ईओबी, मुंबई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर शुरू की. इस प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत मेसर्स जेपीसीपीएल, इसके निदेशकों/प्रवर्तकों कमलेश कटारिया और नितेश कटारिया व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. आरोप है कि कंपनी ने बैंक ऑफ इंडिया (BOI) को धोखाधड़ी से ऋण वापस न देकर 196.82 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया.

जांच में खुलासा हुआ कि जेपीसीपीएल ने बैंक ऑफ इंडिया और अन्य बैंकों से विभिन्न ऋण सुविधाएं प्राप्त की थीं. इन धनराशियों को विभिन्न इकाइयों और कंपनी के निदेशकों के व्यक्तिगत खातों में स्थानांतरित कर दिया गया.

कंपनी ने मजदूर भुगतान के नाम पर धनराशि स्थानांतरित की, गैर-कंसोर्टियम बैंकों में धनराशि डाइवर्ट की, और बैंक की जानकारी के बिना चल/अचल संपत्तियां बेच दीं. निदेशकों द्वारा खरीदी गई संपत्तियां बाद में परिवार के सदस्यों को बिना किसी मूल्य के हस्तांतरित कर दी गईं, ताकि अपराध से अर्जित धन को छुपाया जा सके. इस मामले में आगे की जांच जारी है.

Featured Video Of The Day
Kapil Sharma Cafe Firing: Kaps Cafe Canada से NDTV की Ground Report EXCLUSIVE | X-Ray Report
Topics mentioned in this article