विदेशी मुद्रा कानून मामले में पुणे के व्यवसायी की 40 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां जब्त

कुर्क की गई संपत्तियां पुणे के क्लासिक सिटी इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड के इक्विटी शेयरों और तरजीही शेयरों के रूप में हैं. इस कंपनी के पास पांच सितारा श्रेणी में तीन होटल -होटल वेस्टिन पुणे, होटल ले मेरिडियन नागपुर, होटल डब्ल्यू रिट्रिट एंड स्पा गोवा हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा कानून के कथित उल्लंघन से जुड़ी एक जांच में पुणे के एक बिल्डर अविनाश भोसले और उनके परिवार के सदस्यों की तीन लक्जरी होटलों में इक्विटी और तरजीही शेयरों सहित 40 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को जब्त कर लिया. एजेंसी ने सोमवार को यह जानकारी दी. एजेंसी ने एक बयान में कहा कि इन संपत्तियों को विदेशी मुद्रा विनियमन प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999 के उल्लंघन के तहत भोसले और उनके परिवार के सदस्यों की विदेशी प्रतिभूतियों अथवा संपत्तियों के बराबर मूल्य में जब्त किया गया है. यह कानून भारत से बाहर अर्जित विदेशी प्रतिभूति अथवा अचल संपत्ति के बराबर मूल्य की संपत्ति भारत में जब्त करने का अधिकार देता है.

बयान में कहा गया है कि कुर्क की गई संपत्तियां पुणे के क्लासिक सिटी इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड के इक्विटी शेयरों और तरजीही शेयरों के रूप में हैं. इस कंपनी के पास पांच सितारा श्रेणी में तीन होटल -होटल वेस्टिन पुणे, होटल ले मेरिडियन नागपुर, होटल डब्ल्यू रिट्रिट एंड स्पा गोवा हैं.

ईडी ने कहा कि एबीआईएल (अविनाश भोसले इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड) पास उपलब्ध इक्विटी शेयर और भोसले तथा उनके परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में पड़े करीब 1.15 करोड़ रुपये की बैंक में जमा राशि को भी जब्त कर लिया गया है. एजेंसी ने कहा कि भोसले और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ यह फेमा जांच के तहत कार्रवाई की गई है, जो पहली बार सितंबर, 2017 में शुरू हुई थी.

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ईडी ने कहा कि तब एक सूचना प्राप्त हुई थी कि भोसले और उनके परिवार के सदस्यों ने फेमा कानून का उल्लंघन करते हुये दुबई में कुछ संपत्तियां अर्जित की है. उसने कहा, ‘‘भोसले और उनके परिवार के सदस्यों ने एक कंपनी रोचडेल एसोसिएट्स लिमिटेड, दुबई की विदेशी प्रतिभूतियों का अधिग्रहण किया. इस कंपनी के पास एईडी 20,000,000 (लगभग 40.34 करोड़ रुपये) की अचल संपत्ति थी.

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ईडी ने आरोप लगाया, ‘संपत्ति हासिल करने के लिए भोसले और उनके परिवार के सदस्यों ने भारत के बाहर अपने बैंक खातों में उदारीकृत प्रेषण योजना के माध्यम से धन प्रेषित किया.'

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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