प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चीनी ऋण ऐप से संबंधित मामले में बेंगलुरु में 9 स्थानों पर तलाशी ली है. ये चीन जैसे कई देशों में पैसे का लेन-देन करता है. रेजरपे और पेटीएम के परिसर में ये खोजबीन की गई है. चाइनीज लोन ऐप ने 10 से 20 हजार तक का छोटा लोन देता था और फिर भोले-भाले व्यक्तियों से ऋण राशि के छह गुना तक पैसे वसूल करता था. ऋण राशि को विदेशों में भी लॉन्ड्र किया गया था.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) चीनी ऋण ऐप मामले से संबंधित एक जांच के संबंध में 2 सितंबर को बेंगलुरु में 6 परिसरों में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत तलाशी अभियान चला रहा है.
वहीं इस तलाशी पर पेटीएम के प्रवक्ता ने कहा, "हम व्यापारियों की जांच कर रही प्रवर्तन एजेंसियों को सहयोग कर रहे हैं. जांच के दायरे में इन व्यापारियों के बारे में कुछ जानकारी प्रदान करने के निर्देश के साथ अधिकारी हमारे पास पहुंचे, जिसका हमने तुरंत जवाब दिया. हम अधिकारियों के साथ सहयोग करना जारी रखेंगे और पूरी तरह से अनुपालन करेंगे."
यह मामला बेंगलुरु के साइबर अपराध पुलिस स्टेशन द्वारा कई संस्थाओं और व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज की गई 18 प्राथमिकी पर आधारित है, जो उन लोगों द्वारा चलाए जा रहे मोबाइल ऐप के माध्यम से छोटी राशि का ऋण लेने वाली जनता से जबरन वसूली और उत्पीड़न में शामिल होने के संबंध में है.
पूछताछ के दौरान, यह सामने आया है कि इन संस्थाओं को चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित और संचालित किया जाता है. इन संस्थाओं की कार्यप्रणाली भारतीयों के जाली दस्तावेजों का उपयोग करके और उन्हें उन संस्थाओं के डमी निदेशक बनाकर अपराध की आय उत्पन्न कर रही है. यह पता चला है कि उक्त संस्थाएं अपना संदिग्ध/अवैध व्यवसाय विभिन्न मर्चेंट आईडी/पेमेंट गेटवे/बैंकों के पास रखे खातों के माध्यम से कर रही थीं.
रेजरपे प्राइवेट लिमिटेड, कैशफ्री पेमेंट्स, पेटीएम पेमेंट सर्विसेज लिमिटेड और चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित/संचालित संस्थाओं के परिसरों को तलाशी अभियान में शामिल किया गया है.
तलाशी अभियान के दौरान, यह देखा गया कि उक्त संस्थाएं भुगतान गेटवे/बैंकों के पास विभिन्न मर्चेंट आईडी/खातों के माध्यम से अपराध की आय उत्पन्न कर रही थीं और वे एमसीए वेबसाइट/पंजीकृत पते पर दिए गए पते से भी काम नहीं कर रहे हैं और नकली पते हैं. इन चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित संस्थाओं के मर्चेंट आईडी और बैंक खातों में 17 करोड़ रुपये की राशि जब्त की गई है.