प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मुंबई जोनल कार्यालय ने 23 मई 2025 को मनी लॉन्ड्रिंग के तहत महाराष्ट्र के नासिक, कोपरगांव (शिर्डी) और ठाणे स्थित कई आवासीय और व्यावसायिक परिसरों पर छापेमारी की. यह कार्रवाई KGS शुगर और अन्य के खिलाफ चल रही जांच के सिलसिले में की गई, जो कि 350 करोड़ रुपये से अधिक के बैंक फ्रॉड से जुड़ी है.
ईडी की जांच में सामने आया है कि KGS Sugar and Infra Corporation Ltd. और इसके निदेशक दिनकर एस. बोडके समेत अन्य आरोपियों ने जाली और फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए बैंकों से 350 करोड़ रुपये से अधिक के लोन हासिल किए. बाद में इन फंड्स का दुरुपयोग करते हुए उन्हें निजी लाभ के लिए संपत्तियों की खरीद और अन्य व्यक्तिगत खर्चों में लगा दिया गया.
जब्त संपत्तियां व बरामदगी
- छापेमारी के दौरान ईडी को 70.39 लाख रुपये की नकदी
- करीब 1.36 करोड़ रुपये की सोने की ज्वेलरी
- एक हाई-एंड लग्जरी वाहन
- करीब 10 लाख रुपये के शेयर/डिमैट खाते
- कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
- बेनामी संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज एवं अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज व रिकॉर्ड मिले हैं, जिन्हें जब्त और फ्रीज किया गया है.
ईडी ने यह जांच कदीम जालना पुलिस स्टेशन, जिला जालना, महाराष्ट्र द्वारा दर्ज एफआईआर और चार्जशीट के आधार पर शुरू की थी. आरोपियों पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल और आपराधिक कदाचार जैसे गंभीर आरोप हैं. ईडी की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि KGS शुगर ने कैनरा बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह से लोन लेकर उसे कई शेल कंपनियों के ज़रिए राउंड-ट्रिपिंग और डायवर्जन के जरिए ठेकेदारों और अन्य संबद्ध संस्थाओं को फर्जी व्यापारिक लेन-देन के रूप में ट्रांसफर किया. फिलहाल मामले में जांच जारी है और ईडी आगे की कड़ियों को खंगाल रही है.