आतिशी पर हो सकती है कार्रवाई, CCTV फुटेज डिलीट करने की बात गलत : NDTV से ED के शीर्ष सूत्र

दिल्ली की मंत्री और आप नेता आतिशी ने आज ईडी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. आतिशी ने ईडी की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि ED ने फर्जीवाड़ा तरीके से बयान लिए हैं.

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ED का सारा केस आरोपियों को सरकारी गवाह बनाकर बनाया जा रहा है: आतिशी
नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के शीर्ष सूत्र ने दिल्ली की मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता आतिशी द्वारा ईडी पर लगाए गए आरोपों को एकदम गलत बताया है. दरअसल आज आतिशी ने प्रेस कांफ्रेंस कर ईडी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. इन आरोपों पर ईडी के शीर्ष सूत्र ने एनडीटीवी से कहा कि कुछ आरोपी व्यक्तियों के सीसीटीवी फुटेज हटाने के संबंध में ईडी पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे और दुर्भावनापूर्ण हैं. आरोपी व्यक्तियों के सभी बयान सीसीटीवी निगरानी के तहत दर्ज किए गए और  ट्रायल कोर्ट को ये फुटेज दी गई है. हालांकि सीसीटीवी फुटेज को केवल वीडियो फॉर्मेट में रिकॉर्ड किया गया था. क्योंकि तत्कालीन उपलब्ध सीसीटीवी सिस्टम में ऑडियो रिकॉर्ड करने की सुविधा नहीं थी.

सूत्र ने कहा कि ईडी अधिकारियों द्वारा कभी भी कोई ऑडियो रिकॉर्डिंग नहीं हटाई गई है. ईडी के पहले के सीसीटीवी सिस्टम में ऑडियो सुविधा उपलब्ध नहीं थी. ईडी पेशेवर तरीके से कार्यवाही में सैकड़ों बयान दर्ज करता है. आप नेता अपने खिलाफ लगे आरोपों से ध्यान हटाने के लिए रोजाना आधारहीन आरोप लगाते हैं. अक्टूबर 2023 में ईडी कार्यालय में सीसीटीवी सिस्टम को नई सुविधाओं और ज्यादा स्टोरेज के साथ आधुनिक बनाया गया. जिससे पूछताछ की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी होती है. इसके बाद संजय सिंह सहित सभी आरोपियों से ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ पूछताछ की गई है. आप मंत्री आतिशी मार्लेना के इन झूठे, निराधार, दुर्भावनापूर्ण आरोपों के मद्देनजर प्रवर्तन निदेशालय गंभीर कानूनी कार्रवाई कर सकता है.

आतिशी ने ईडी पर लगाए थे गंभीर आरोप

दिल्ली की मंत्री और आप नेता आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है. 1 रुपया की भी रिकवरी नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि हम डरने वाले नहीं हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ED का सारा केस आरोपियों को सरकारी गवाह बनाकर बनाया जा रहा है. आतिशी ने ईडी की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि ED ने फर्जीवाड़ा तरीके से बयान लिए हैं.

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आतिशी ने जांच की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 2020 के आदेश के तहत किसी भी जांच एजेंसी को इंटेरोगेशन सीसीटीवी कैमरा में करनी होती है. ये ED पर भी लागू होता है, उन्होंने कहा कि हर आरोपी और विटनेस का अधिकार है कि उनको सीसीटीवी फुटेज और ऑडियो मिले. एक आरोपी ने वीडियो मांगा तो उसे ऑडियो डिलीट करके दिया गया. आतिशी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिसमें सबूत है, उसे डिलीट क्यों किया गया?आम आदमी पार्टी के पास विश्वसनीय सूत्रों से यह खबर है कि शराब नीति की जांच से जुड़े सभी पूछताछ के ऑडियो (सबूत) को डिलीट कर दिया गया है.

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