'तो क्या पाकिस्तान की इंडस्ट्रीज बैन कर दें' : प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

यूपी सरकार के वकील रंजीत कुमार ने शु्क्रवार को कहा कि यूपी डाउन विंड है जबकि हवा ज्यादातर पाकिस्तान की तरफ से आती है. ऐसे में यूपी की चीनी मिल और दूध की फैक्ट्रियों पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए. इस पर प्रधान न्‍यायाधीश (CJI) रमना ने कहा तो अब आप पाकिस्तान की इंडस्ट्रीज को बैन कराना चाहते हैं !!

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सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में 10 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी.

नई दिल्‍ली:

प्रदूषण मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)में सुनवाई के दौरान यूपी सरकार (UP Gov) के वकील रंजीत कुमार ने शु्क्रवार को कहा कि यूपी डाउन विंड है जबकि हवा ज्यादातर पाकिस्तान (Pakistan) की तरफ से आती है.  ऐसे में यूपी की चीनी मिल और दूध की फैक्ट्रियों पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए. इस पर प्रधान न्‍यायाधीश  (CJI) रमना ने कहा तो अब आप पाकिस्तान की इंडस्ट्रीज को बैन कराना चाहते हैं !!सुनवाई के दौरान वकील रंजीत कुमार ने चीनी मिलों के बंद होने पर सवाल उठाया. उन्‍होंने कहा कि इससे किसानों को परेशानी होगी जबकि ये मिलें दिल्ली से 90 किलोमीटर हैं.ऐसे में चीन मिलों के लिए 8 घंटे काफी कम हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'आप आयोग के पास जाइए, उनको बताइए वो फिर फैसला करेंगे. '

प्रदूषण पर दिल्ली सरकार काहलफनामा, 20 से अधिक कोविड अस्पतालों में निर्माण कार्य की अनुमति मांगी

इससे पहले, प्रदूषण मामले को लेकर मीडिया रिपोर्टस पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर नाराजगी जताई और कहा, कुछ लोग ये कहने लगे कि हम स्टूडेंट्स के समर्थन में नही हैं. हमने ये कब कहा कि हम दिल्ली सरकार को चलाकर प्रशासन करेंगे? आज के पेपर देखिए. आप जा सकते हैं और लोगों  को समझा सकते हैं. हम नहीं कर सकते. CJI ने कहा कि वीडियो सुनवाई में ये पता नहीं  चल रहा कि कौन रिपोर्ट कर रहा है? हमें कुछ लोगों ने ऐसा बताया कि हम छात्रों के कल्याण के पक्ष में नहीं हैं.

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अभिषेक मनु सिंघवी ने दिल्ली सरकार का हलफनामा पढ़ा और अस्पताल स्थलों पर निर्माण को जारी रखने की अपील की. केंद्र सरकार  ने दिल्ली सरकार का समर्थन किया. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के लिए विकास सिंह सरकार तभी कुछ करती हैं जब कोई सुझाव दिया जाता है. हमने फ्लाइंग स्‍क्‍वाड का सुझाव दिया तो इन्होंने अपनी तरफ से कुछ नहीं किया. सरकार अपनी ओर से कुछ नहीं करती . इस पर CJIने कहा कि अगर सरकारें सब कुछ कर लेंगी तो PIL की क्या जरूरत है, सरकारों को काम करने देना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और NCR को सारे उपायों का पालन करने के निर्देश दिए और मामले को लंबित रखा. दिल्ली सरकार के कोविड अस्पतालों के निर्माण को मंजूरी दी. मामले में 10 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी. 

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