राम मंदिर पर राजनीति में शामिल नहीं होना चाहता : उमर अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर टिप्पणी करने से इनकार किया

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (फाइल फोटो).
श्रीनगर:

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर टिप्पणी करने से बुधवार को इनकार कर दिया और कहा कि वह इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करना चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं राम मंदिर के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. यह न तो पहला उद्घाटन है और न ही आखिरी. हमने पहले भी उद्घाटन देखे हैं. यदि आप इसमें राजनीति लाना चाहते हैं, तो यह आप पर निर्भर है. मैं इस मुद्दे पर राजनीति में शामिल नहीं होना चाहता.''

यह पूछे जाने पर कि निमंत्रण मिलने पर क्या वह प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होंगे, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें यकीन है कि आमंत्रित नहीं किया जाएगा.

उमर ने कहा, ‘‘आप मुझसे क्यों पूछ रहे हैं कि मैं जाऊंगा या नहीं? बिन बुलाए कौन जाता है? मैं जानता हूं कि मुझे आमंत्रित नहीं किया जाएगा. उद्योगपति, क्रिकेटर, फिल्मी सितारे और अन्य...जिन्हें निमंत्रित करना था, उन्हें निमंत्रण मिल चुका है.''

उमर ने सवाल किया, ‘‘उनके नाम (निमंत्रित किए गए लोगों के) तो हर कोई जानता है. क्या आपने सूची में मेरा नाम देखा है? नहीं, जब उनका मुझे आमंत्रित करने का कोई इरादा नहीं है, तो हम अगर-मगर में क्यों पड़ें?''

गणतंत्र दिवस समारोह के लिए विपक्षी दल शासित कुछ राज्यों की झांकियों को खारिज किए जाने के आरोप के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण'' है और सरकार को अपने फैसले पर ‘‘पुनर्विचार'' करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई नई बात नहीं है. हर राज्य या केंद्र शासित प्रदेश को हर साल मौका नहीं दिया जाता है. केंद्र चुनता है कि किसे मौका देना है या नहीं. यदि आपका प्रश्न यह है कि केवल विपक्ष शासित राज्यों को ही छोड़ दिया गया है, तो मैं कहूंगा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है.''

Advertisement

उमर ने कहा, ‘‘26 जनवरी भाजपा का कार्यक्रम नहीं है. यह केंद्र सरकार का भी कार्यक्रम नहीं है, बल्कि पूरे देश का कार्यक्रम है. हालांकि यह सच है कि आप हर साल हर राज्य या केंद्रशासित प्रदेश को मौका नहीं दे सकते, लेकिन केवल विपक्ष शासित राज्यों को बाहर करने के फैसले पर पुनर्विचार करने की जरूरत है.''

जम्मू की रतले जलविद्युत परियोजना से 40 वर्षों तक बिजली प्रदान करने के लिए राजस्थान के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) को लेकर एक सवाल पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष ने कहा कि यह ‘‘हमारे साथ साफ तौर पर लूट'' का मामला है.

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘‘परियोजना हमारी है, पानी हमारा है और बिजली हमारी है. अगर हम सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे बिजली दे रहे होते तो चाहे आप राजस्थान को सप्लाई करें या मालदीव को, मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं थी.'' उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग बिजली की किल्लत का सामना कर रहे हैं.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Weather Update: उत्तराखंड के चमोली में बढ़ती ठंड से जम गए झरने
Topics mentioned in this article