प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ( Modi Government) के 10 वर्षों के कार्यकाल में पर्सनल इनकम एंड कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन (Tax Collections) बढ़कर 19 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की संभावना है. वित्त वर्ष 2013-14 में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (Net Direct Tax Collection) 6.38 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 में 16.61 लाख करोड़ रुपये हो गया. चालू वित्त वर्ष 2023-24 में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (पर्सनल इनकम एंड कॉरपोरेट टैक्स) अभी तक 20 प्रतिशत बढ़ा है.
इसी गति से बढ़ने पर 31 मार्च 2024 को समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में टैक्स कलेक्शन करीब 19 लाख करोड़ रुपये होने की संभावना है. यह वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में अनुमानित राशि 18.23 लाख करोड़ रुपये से अधिक है.
नई सरकार द्वारा जुलाई 2024 में पूर्ण बजट पेश किए जाने की संभावना
सरकार कई वर्षों से कम दरों और कम छूट के साथ टैक्स सिस्टम को सरल बनाने की कोशिश कर रही है. 2019 में सरकार ने छूट छोड़ने वाले कॉरपोरेट घरानों के लिए टैक्स की कम दर की पेशकश की. अप्रैल 2020 में लोगों के लिए इसी तरह की योजना शुरू की गई. सरकार एक फरवरी 2024 को लेखानुदान पेश करेगी क्योंकि अप्रैल-मई में आम चुनाव होने हैं. चुनाव के बाद बनने वाली नई सरकार के जुलाई 2024 में पूर्ण बजट पेश किए जाने की संभावना है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार 2014 में सत्ता में आई थी.
टैक्स लेनदेन के डिजिटलीकरण से टैक्स पेमेंट का ट्रेंड बढ़ा
शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी पार्टनर (डायरेक्ट टैक्स) गौरी पुरी ने कहा कि टैक्स लेनदेन के डिजिटलीकरण और अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने पर निरंतर ध्यान देने से टैक्स पेमेंट का ट्रेंड बढ़ा है. पुरी ने कहा, ‘‘ इससे सरकार को कर दरों को तर्कसंगत बनाने के कुछ अवसर मिलने की उम्मीद है. भारत में व्यापार सुगमता सुनिश्चित करने के लिए कर संधि आवेदन के बारे में निश्चितता महत्वपूर्ण होगी. 2024 में सरकार से उम्मीद रहेगी कि वह कर निश्चितता बढ़ाने के लिए डायरेक्ट टैक्स प्रावधानों को सुव्यवस्थित करना जारी रखेगी.''
डेलॉयट इंडिया पार्टनर (डायरेक्ट टैक्स) रोहिंटन सिधवा ने कहा कि पूर्ण बजट में निवेश तथा नवाचार को बढ़ावा देने के लिए ‘चीन+1' रणनीति का लाभ उठाने की पहल और विश्व बैंक ‘बी-रेडी रैंकिंग' की तैयारी के लिए जारी पहल पर ध्यान केंद्रित करने की संभावना है. वहीं, आईएनडीयूएसएलएडब्ल्यू पार्टनर (डायरेक्ट टैक्स) शशि मैथ्यूज़ ने कहा कि टैक्स की उच्च दर से ऑनलाइन गेमिंग उद्योग की ‘‘तेज वृद्धि'' रुक गई है.