- दिग्विजय सिंह और रॉबर्ट वाड्रा ने बिहार चुनाव परिणामों में हेराफेरी का आरोप लगाते हुए इसे अनुचित बताया है.
- राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने बिहार के जनादेश की तुलना उत्तर कोरिया, रूस और चीन के चुनावों से कर दी.
- रॉबर्ट वाड्रा ने भी सिंह के आरोपों का समर्थन करते हुए बिहार के नतीजों को अनुचित और अस्वीकार्य बताया.
बिहार चुनाव के नतीजों को लेकर मध्यप्रदेश में एक बड़ा राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है. दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और प्रियंका गांधी वाड्रा के पति एवं व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा ने बिहार विधानसभा चुनाव परिणामों को “अनुचित,” “हेराफेरी किया हुआ” और “अस्वीकार्य” बताया है. इन आरोपों पर बीजेपी ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि ऐसे “निरर्थक बयानों” से कुछ नहीं बदलने वाला. जनता न आपको पसंद कर रही है और न ही कांग्रेस को. उन्होंने इसे हार की बौखलाहट बताया.
गुना में पत्रकारों से बातचीत में राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने बिहार के जनादेश यानी एनडीए की बड़ी जीत की तुलना उत्तर कोरिया, रूस और चीन के चुनावों से कर दी. उन्होंने कहा कि नतीजों में एक ही गठबंधन को अत्यधिक बढ़त मिलना गंभीर संदेह पैदा करता है.
नतीजे जमीनी हकीकत नहीं दिखाते: दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि 62 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए और 20 लाख नए नाम जोड़े गए, लेकिन चुनाव आयोग ने कभी यह नहीं बताया कि किनके नाम जोड़े या हटाए गए. दो दिन पहले भी उन्होंने इसी तरह के आरोप लगाए थे और कहा था कि यदि एनडीए 140 से अधिक सीटें जीतती है तो यह केवल “मैनेज्ड ईवीएम और मैनेज्ड वोटर लिस्ट” की वजह से होगा.
सिंह ने यह भी कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें “कड़ी टक्कर वाला मुकाबला” नजर आया था और चर्चाओं का केंद्र यह था कि एआईएमआईएम और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी किसके वोट काटेगी. उन्होंने दावा किया, “लेकिन नतीजे जमीनी हकीकत नहीं दिखाते.”
बिहार के नतीजे अनुचित और अस्वीकार्य: रॉबर्ट वाड्रा
उधर, इंदौर में रॉबर्ट वाड्रा ने भी सिंह के आरोपों का समर्थन करते हुए बिहार के नतीजों को “अनुचित और अस्वीकार्य” बताया. वाड्रा ने दावा किया, “बिहार के लोग नतीजों से खुश नहीं हैं. जो कुछ हुआ, वह चुनाव आयोग की मदद से हुआ. बिहार में चुनाव दोबारा होने चाहिए. राहुल जी युवाओं से मिलेंगे और लोकतंत्र की लड़ाई लड़ेंगे.”
यह आरोप ऐसे समय में आए हैं, जब पिछले एक महीने में मध्य प्रदेश के बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के नेताओं ने बिहार चुनाव में अपनी-अपनी पार्टियों के लिए बड़ी भूमिकाएं निभाई थीं. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 25 सीटों में प्रचार किया था, जिनमें 21 सीटों पर एनडीए प्रत्याशी जीते यानी 84% की स्ट्राइक रेट. वहीं, बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो सांसद वीडी शर्मा को 19 सीटों की जिम्मेदारी दी गई थी, जिनमें से 17 पर बीजेपी जीती और उनका स्ट्राइक रेट 90% रहा. विशेष रूप से उन्हें पटना और बेगूसराय जैसे अत्यंत संवेदनशील और जातीय रूप से ध्रुवीकृत क्षेत्रों में तैनात किया गया था. दिग्विजय सिंह और जीतू पटवारी ने कांग्रेस की तरफ से बिहार में मोर्चा संभाला लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली.
निरर्थक बयानों से कुछ नहीं बदलने वाला: भाजपा
बीजेपी ने कांग्रेस नेताओं के आरोपों को “हार की बौखलाहट” बताते हुए कड़ा जवाब दिया. बीजेपी प्रवक्ता दुर्गेश केसरीवानी ने दिग्विजय सिंह पर तीखा हमला करते हुए कहा, “दिग्विजय सिंह हमेशा हवा के खिलाफ चलते हैं. उन्होंने मध्य प्रदेश को बर्बाद किया, भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया, जाकिर नाइक को शांति का दूत बताया और अब वे भारत के चुनावों पर सवाल उठा रहे हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “पहले जनता का दिल जीतिए, फिर चुनाव जीतने की बात कीजिए. आप भारत जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, उसकी तुलना उत्तर कोरिया जैसे देशों से कर रहे हैं. दुनिया भर के लोग हमारे चुनाव देखने आते हैं. यह कांग्रेस की वही सोच है जब भी हारते हैं तो ईवीएम को दोष देते हैं, लोकतंत्र को खतरे में बताते हैं. चुनाव आयोग को निशाना बनाते हैं.”
केसरीवानी ने यह भी कहा कि ऐसे “निरर्थक बयानों” से कुछ नहीं बदलने वाला. जनता न आपको पसंद कर रही है और न ही कांग्रेस को.
बिहार के नतीजों पर कांग्रेस के आरोप और बीजेपी के तीखे जवाब के बीच यह शब्दयुद्ध और तेज होने की संभावना है, क्योंकि दोनों पार्टियां अब चुनाव बाद की राजनीति में अपने-अपने नैरेटिव को मजबूत करने में जुट गई हैं.














