क्या दिल्ली के अधिकारी के बेटे ने भी किया किशोरी का यौन शोषण? जानिए- पुलिस ने क्या कहा

यह मामला तब सामने आया, जब लड़की, जो अब 17 वर्ष की है को एंग्जाइटी अटैक पड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया.

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अधिकारी ने महीनों तक लड़की के साथ बलात्कार किया...
नई दिल्‍ली:

क्‍या दिल्ली के निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा का बेटा या अन्य रिश्तेदार भी अपने दोस्त की नाबालिग बेटी के यौन शोषण में शामिल थे...? इस सवाल के जवाब में  दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट किया है कि अब तक की जांच में इसका कोई सबूत नहीं मिला है. विशेष पुलिस आयुक्त जितेंद्र पाठक ने कहा कि अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता का दावा करने वाली रिपोर्ट गलत हैं. अब तक, दो लोगों को अपराध में आरोपी पाया गया है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. आगे की जांच जारी है. 

पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष ये बयान दिया

उत्तरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी ने कहा, "अब तक की जांच में, दो लोगों को मामले में आरोपी पाया गया है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. आगे की जांच की जा रही है." वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने लिखित बयान में किसी अन्य नाम का उल्लेख नहीं किया है."

अधिकारी ने महीनों तक लड़की के साथ बलात्कार किया... 

प्रेमोदय खाखा को दिल्ली महिला एवं बाल विकास के उप निदेशक के पद से निलंबित कर दिया गया है. उनकी पत्नी सीमा रानी को तब गिरफ्तार किया गया है, जब लड़की ने पुलिस को बताया कि वरिष्ठ अधिकारी ने महीनों तक उसके साथ बलात्कार किया था. साल 2020 में अपने पिता की मृत्यु के बाद अधिकारी के घर पर रहने वाली लड़की ने आरोप लगाया है कि अधिकारी द्वारा उसे गर्भवती करने के बाद सीमा रानी ने उसे गर्भपात की गोलियां दीं. ये दोनों अब न्यायिक हिरासत में हैं.

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नाबालिग की पहचान सुरक्षित रखी जाए- कोर्ट

मामले में हस्तक्षेप करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि नाबालिग की पहचान सुरक्षित रखी जाए. उन्होंने पुलिस से यह भी पूछा है कि क्या उनकी जांच में लड़की के साथ अन्य पुरुषों द्वारा भी बलात्कार किए जाने का कोई सबूत मिला है? बता दें कि यह मामला तब सामने आया, जब लड़की, जो अब 17 वर्ष की है को एंग्जाइटी अटैक पड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में थेरेपी सत्र के दौरान, उसने डॉक्टरों को बताया कि वह किस दौर से गुजरी है. इसके बाद अस्पताल ने पुलिस को सतर्क किया, जो हरकत में आई. खाखा पर भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों का कठोर संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत गंभीर आरोप हैं.

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