'संवाद और संभावना जरूरी है', बिहार में जारी राजनीतिक घटनाक्रम पर कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास ने कहा

बिहार में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच कांग्रेस पार्टी के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने पटना में कहा है कि उनकी पार्टी हर तरह की संभावनाओं पर ध्यान दे रही है.

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कांग्रेस पार्टी के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास
पटना:

बिहार में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच कांग्रेस पार्टी के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने पटना में कहा है कि उनकी पार्टी हर तरह की संभावनाओं पर ध्यान दे रही है. उन्होंने कहा कि पार्टी संवाद और संभावना पर ध्यान दे रही है क्योंकि दोनों ही बातें जरूरी है. नीतीश कुमार के महागठबंधन में वापसी को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है लेकिन अगर कोई संभावना है तो मैं उसका स्वागत करता हूं. सरकार संकट में है या नहीं के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीति में कभी भी बड़े बदलाव हो सकते हैं. देश अभी काफी खराब दौर से गुजर रहा है. ऐसे में नीतीश कुमार देश के एक बड़े नेता हैं अब वो क्या भूमिका लेते हैं ये उन पर निर्भर करता है. बीजेपी देश को बेच रही है. साथ ही नेतृत्व के सवाल पर उन्होंने कहा कि महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव हैं अभी लेकिन हमें नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव में से किसी से भी कोई दिक्कत नहीं है. 

इधर राज्य में राजनीतिक संकट के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व में विपक्षी पार्टियों ने सोमवार को कहा कि वह नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड , जद(यू) को ‘‘ गले लगाने'' को तैयार है, बशर्ते वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का साथ छोड़ दे. कांग्रेस और वामदलों ने भी सोमवार को संकेत दिया कि अगर ऐसा होता है तो वे इसका समर्थन करेंगे. इसके साथ ही कयास लगाए जा रहे हैं कि कुमार की जदयू और भाजपा के बीच कुछ समय से चल रही खिंचतान अब अंतिम पड़ाव के करीब पहुंच चुकी है.

जदयू और लालू प्रसाद यादव नीत राजद के विधायकों की कल एक साथ बैठक करने की घोषणा से पहले से ही राजनीतिक रूप से सक्रिय राज्य का सियासी पारा और चढ़ेगा. कुमार ने जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के पार्टी छोड़ने के बाद उत्पन्न हालात पर चर्चा के लिए मंगलवार को पार्टी के विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाई है. अहम बैठक से एक दिन पहले जदयू ने सोमवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जो भी फैसला लिया जाएगा, वह पूरे संगठन को स्वीकार्य होगा.

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