"आंखों के आगे लोग पानी में बहते जा रहे थे...", अमरनाथ गुफा से सुरक्षित लौटे श्रद्धालुओं ने सुनाए अपने दर्दनाक अनुभव

महाराष्ट्र के रहने वाले श्रद्धालु सुमित ने कहा, " बादल फटने से आई बाढ़ बड़ी संख्या में पत्थर अपने साथ लाई थी. हम बादल फटने वाली जगह से दो किलोमीटर दूर थे."

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हादसे में अब तक 16 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है.
नई दिल्ली:

अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार को बादल फटने की घटना के बाद जो श्रद्धालु सुरक्षित सोनमार्ग के बालटाल बेस कैंप पहुंचे, ने अपने दर्दनाक अनुभव सुनाए. उत्तर प्रदेश के हरदोई के रहने वाले दीपक चौहान ने समाचार एजेंसी को बताया कि घटना के बाद भगदड़ की स्थिति उत्तपन्न हो गई थी. लेकिन सेना जवानों ने बहुत मदद की. कई सारे पंडाल पानी की तेज बहाव के कारण बह गए.  

महाराष्ट्र के रहने वाले श्रद्धालु सुमित ने कहा, " बादल फटने से आई बाढ़ बड़ी संख्या में पत्थर अपने साथ लाई थी. हम बादल फटने वाली जगह से दो किलोमीटर दूर थे." एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, " जब बादल फटा तो हमें विश्वास नहीं हुआ. थोड़ी देर बाद, हमें केवल पानी और पानी दिखाई दिया. हम सात से आठ लोगों के समूह थे, भोलेनाथ की कृपा से, हम सब बच गए. हालांकि, हमने लोगों और सामानों को पानी में बहते देखा. हमारी आंखों के आगे सब कुछ बह रहा था."

उन्होंने आगे कहा, " बादल फटने के 10 मिनट के अंदर, आठ लोगों के मौत की सूचना मिली. पानी में बड़ी संख्या में पत्थर थे. लगभग 15,000 तीर्थयात्री तीर्थ के लिए आए थे. भारी बारिश के बावजूद तीर्थयात्री आते ही रहे." इधर, शनिवार तड़के आईटीबीपी टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और गुफा के पास फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया.  

गौरतलब है कि दक्षिण कश्मीर में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम को बादल फटने से आई आकस्मिक बाढ़ के कारण कई लोग बह गए. हादसे में अब तक 16 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है. एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि करीब 40 लोग लापता हैं तथा पांच को बचाया गया है. शनिवार की सुबह सारे शवों को बालटाल भेजा गया है.

बीएसएफ एमआई 17 हेलिकॉप्टर को आगे के इलाज या शवों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए नीलगढ़ हेलीपैड / बालटाल से बीएसएफ कैंप श्रीनगर तक कार्रवाई में लगाया गया. ITBP की टीमें अमरनाथ गुफा के पास लापता की तलाश कर रही . तलाशी अभियान जोरों पर है.

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