AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अपने हमलावरों की जमानत के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट ने ओवैसी की याचिका पर आरोपियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. बता दें कि मामले में आरोपी सचिन शर्मा और शुभम गुर्जर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी.
वहीं, यूपी सरकार को भी नोटिस जारी किया गया है. ताकि हाईकोर्ट को दोबारा ये मामला विचार के लिए भेजा जाए. अब इस मामले में अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी.
इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सचिन शर्मा और शुभम गुर्जर को हथियार सप्लाई करने के आरोप में जमानत पाए मुहम्मद अलीम की जमानत पर हस्तक्षेप करने से इन्कार किया.
ओवैसी की ओर से एडवोकेट एम आर शमशाद ने कहा कि यह आदेश पूरी तरह से गलत है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी को अपराध से जोड़ना मुश्किल है. अभी कोई शिनाख्त परेड भी नहीं हुई है. ओवैसी के वकील ने कहा, "इनकी जमानत से हमारे मुवक्किल को खतरा हो सकता है. भले ड्राइवर ने FIR दर्ज कराई है. लेकिन गोली मेरी गाड़ी पर चलाई गई थी. मैं ही विक्टिम हूं. उन्हें चार चश्मदीद और सीसीटीवी के जरिए पहचान कर पकडा गया और आरोपियों ने खुद भी स्वीकार किया है.
दरअसल, यूपी के हापुड़ में हुए हमले के मामले में आरोपियों की जमानत रद्द कराने के लिए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. फरवरी 2022 को यूपी चुनाव के दौरान ओवैसी के काफिले पर हमला हुआ था. ओवैसी ने हमले के मुख्य आरोपी सचिन शर्मा और उसके साथी शुभम गुर्जर समेत अन्य की जमानत रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
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