Delhi Coronavirus: देश के साथ-साथ दिल्ली में भी कोराना वायरस संक्रमण के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं. दिल्ली में प्रतिदिन आने वाले कोविड (COVID) के केसों की रफ्तार बढ़ गई है. अब यह मामले 800 के करीब पहुंच गए हैं. दिल्ली में शनिवार को कोरोना के 795 नए मामले सामने आए. राजधानी में कोविड संक्रमण दर 4 फीसदी के पार पहुंच गई है.
दिल्ली में शनिवार को समाप्त 24 घंटे के दौरान हुए 19,326 टेस्ट किए गए जिसमें से 795 पॉजिटिव केस सामने आए. यानी संक्रमण दर 4.11 फीसदी है. दिल्ली में अब सक्रिय कोरोना मरीजों की संख्या 2247 हो गई है.
दिल्ली में शनिवार को 556 कोविड मरीज स्वस्थ हो गए. शहर में फिलहाल होम आइसोलेशन में 1360 मरीज हैं. अस्पतालों में भर्ती कोविड मरीजों की संख्या 92 है. दिल्ली में अब तक कोरोना के कुल 1912063 मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से 1883598 मरीज स्वस्थ हुए हैं. कोविड से अब तक कुल 26218 लोगों की मौत हुई है.
उधर, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने शनिवार को कहा कि पिछले कुछ दिनों से देश में कोविड-19 के मामलों में हो रही वृद्धि से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि कोई नया चिंताजनक स्वरूप नहीं मिला है और साथ ही, मामलों में अब तक की वृद्धि कुछ जिलों तक ही सीमित है. विशेषज्ञों ने कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं करने और बूस्टर खुराक लेने के बारे में लोगों के उत्साह नहीं दिखाने की ओर भी इशारा किया, जिससे संभवतः संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील आबादी का दायरा बढ़ गया है.
इस संबंध में एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि केरल में सात और मिजोरम में पांच सहित देश के सत्रह जिलों में, साप्ताहिक संक्रमण दर 10 प्रतिशत से अधिक है जबकि केरल में सात और महाराष्ट्र और मिजोरम में चार-चार जिलों समेत देश के कुल 24 जिलों में साप्ताहिक संक्रमण दर पांच से 10 प्रतिशत के बीच है.
टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने कहा, ‘‘हमें कोई नया चिंताजनक स्वरूप नहीं मिला है. भारत में अभी ज्यादा संक्रामक माने जाने वाले बीए.2 के अलावा बीए4 और बीए.5 स्वरूप हैं.''
गर्मी की छुट्टियों के कारण आवाजाही में वृद्धि हुई है, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यात्रा प्रतिबंधों में ढील दी गई है और आर्थिक गतिविधियों को पूरी तरह से खोल दिया गया है, जिसके कारण कमजोर व्यक्तियों में संक्रमण का प्रसार हुआ है.
डॉ अरोड़ा ने कहा, ‘‘संक्रमण महानगरों और उच्च जनसंख्या घनत्व वाले बड़े शहरों तक ही सीमित है. महत्वपूर्ण बात यह है कि जो लोग इन दिनों संक्रमित हो रहे हैं, उनमें से अधिकतर का टीकाकरण किया गया है और उन्हें सामान्य सर्दी और हल्की इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी होती है.''
उन्होंने कहा, ‘‘घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन हर किसी को यह याद रखना चाहिए कि कोविड हमारे आसपास है और हमें कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की जरूरत है. खासकर भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने और मास्क को अपने दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बनाने की जरूरत है.''
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि मामलों की संख्या बढ़ी है, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने या मौतों में कोई वृद्धि नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, वृद्धि कुछ भौगोलिक क्षेत्रों तक सीमित है. गुलेरिया ने कहा, ‘‘इसलिए मामलों में वृद्धि फिलहाल चिंता का कारण नहीं है. लेकिन हमें ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए और जोर-शोर से जांच पर ध्यान देना चाहिए. इससे उभरते हुए स्वरूपों के बारे में भी पता चलेगा.''
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और अन्य अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानों द्वारा किए गए अध्ययनों से संकेत मिला है कि दोनों खुराक के साथ प्राथमिक टीकाकरण के लगभग छह महीने बाद एंटीबॉडी स्तर कम हो जाता है और बूस्टर देने से प्रतिरक्षा का स्तर बढ़ता है. आईसीएमआर में महामारी और संक्रामक रोग विभाग की प्रमुख डॉ निवेदिता गुप्ता ने कहा, ‘‘अब तक की वृद्धि कुछ जिलों तक सीमित है और स्थानीयकृत है, लेकिन संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए उन क्षेत्रों में उचित रोकथाम प्रयास, प्रतिबंध, सामाजिक दूरी और कोविड-उपयुक्त व्यवहार सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है.''
देश में 103 दिन बाद शनिवार को कोविड-19 के 8,000 से ज्यादा नए मामले आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 4,32,13,435 पर पहुंच गई जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 40,370 हो गई.
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