शिकंजे में दिल्ली ब्लास्ट का पनाहगार, अब तक गिरफ्तार 7 आतंकियों की पूरी क्राइम कुंडली

दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट मामले में आतंकी डॉक्टर उमर उन नबी को शरण देने वाले एक और शख्स को एनआईए ने गिरफ्तार किया है. इस ब्लास्ट मामले में इससे पहले 6 लोगों को गिरफ्तार किया था. सुरक्षा एजेंसी ब्लास्ट मामले में लगातार जांच कर रही है स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर कई राज्यों में लगातार छापेमारी कर रही है.

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  • दिल्ली ब्लास्ट मामले में फरीदाबाद के शोएब को उमर उन नबी को लॉजिस्टिक सपोर्ट देने के आरोप में गिरफ्तार किया है
  • कार बम ब्लास्ट में 15 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें आतंकी डॉक्टर उमर ने खुद को उड़ा लिया था
  • मामले में अब तक कुल सात लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें कश्मीर और लखनऊ के डॉक्टर भी शामिल हैं
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दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट मामले में आतंकी डॉक्टर उमर उन नबी को शरण देने वाले एक और शख्स को एनआईए ने गिरफ्तार किया है. एनआईए ने फरीदाबाद में रहने वाले एक शख्स शोएब को धुज इलाके से गिरफ्तार किया है. अबतक इस मामले में कुल 7 गिरफ्तारी हो चुकी है. NIA की जांच में खुलासा हुआ है कि शोएब ने 10 नवंबर को दिल्ली में कार बम ब्लास्ट से पहले आतंकी उमर को लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया कराया था. इस हमले में 15 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे. डॉ.उमर उन नबी फिदायनी बॉम्बर था, जो कार ब्लास्ट में खुद को उड़ा चुका है. एनआईए ने इस ब्लास्ट मामले में इससे पहले 6 लोगों को गिरफ्तार किया था. सुरक्षा एजेंसी ब्लास्ट मामले में लगातार जांच कर रही है स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर कई राज्यों में लगातार छापेमारी कर रही है.

दिल्ली धमाके के गुनहगार और उनकी भूमिका

  1. डॉ. आदिल अहमद: कश्मीरी डॉक्टर आदिल अहमद राथर को जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में डॉक्टर आदिल की निशानदेही पर डॉक्टर मुजम्मिल और शाहीन की गिरफ़्तारी हुई थी. बाद में फरीदाबाद से बड़ी संख्या में हथियार और 2900 किलो विस्फोटक बरामद हुआ था. मोड्यूल में डॉक्टर आदिल का काम था हथियारों का इंतज़ाम करना था.
  2. डॉ मुजम्मिल शकील: शकील ने ही फरीदाबाद में एक किराये का कमरा लिया था और वहां 360 किलो से ज्यादा बारूद (अमोनियम नाइट्रेट) के साथ टाइमर, रायफल जैसा सामान जुटाकर रखा था. मुजम्मिल की पूरी टेरर कुंडली भी सामने आई है. डॉ. मुजम्मिल अलफलाह यूनिवर्सिटी में सीनियर डॉक्टर है और यूनिवर्सिटी के कैंपस में ही यह रहता था.
  3. डॉ शाहीन सईद: लखनऊ की रहने वाली डॉक्टर शाहीन अल फलाह यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थी. लेकिन काम था मोड्यूल के लिए फंड इक्कठा करना और ग़रीब महिलाओं-लड़कियों को जैश के संगठन जमात-उल-मुमीनात से जोड़ना. जांच में सामने आया कि शाहीन ने मॉड्यूल को क़रीब 20 लाख रुपये की फंडिंग की थी और लगातार फंड जमा करने में जुटी हुई थी.
  4. आमिर राशिद अली: 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट मामले में NIA ने उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने कथित तौर पर आत्मघाती हमलावर उमर के साथ मिलकर यह हमला प्लान किया था. गिरफ्तार आरोपी का नाम आमिर राशिद अली है. वह जम्मू-कश्मीर के संबूरा, पंपोर का रहने वाला है. सबसे खास बात यह है कि जिस कार में IED लगाकर धमाका किया गया था, वह कार आमिर के नाम पर रजिस्टर्ड थी. आमिर राशिद के परिवार ने बताया कि वह प्‍लंबर का काम करता है
  5. जसीर बिलाल वानी: जसीर बिलाल वानी ने कई बड़े खुलासे किए हैं. ये मॉड्यूल हमास (Hamas) की तर्ज पर ड्रोन और छोटे रॉकेट बनाकर भारत में बड़े हमले की प्लानिंग कर रहा था. ड्रोन को हथियार की तरह इस्तेमाल करने की भी कोशिश थी. जांच में सामने आया है कि आतंकी लगातार ऐसे ड्रोन तैयार करने की कोशिश में लगे थे, जिन्हें मॉडिफाई करके हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा सके. ड्रोन में कैमरा और बैटरी के साथ छोटे बम लगाने की तैयारी थी, लेकिन उससे पहले ही मॉड्यूल पकड़ा गया.
  6. मुफ्ती इरफान अहमद: ब्लास्ट वाली कार में बैठा डॉ. उमर, फरीदाबाद से पकड़ा गया डॉ. मुजम्मिल, सहारनपुर से गिरफ्तार हुआ डॉ. आदिल, सबको जोड़ने वाली एक कड़ी है मुफ्ती इरफान अहमद. यह वही शख्स है जो इन डॉक्टरों को आतंकवाद के रास्ते पर लेकर आया था. उसने यह तक बताया है कि वह कैसे किसी आम इंसान का ब्रेन वॉश कर के उन्हें आतंकी गतिविधियों से जोड़ लेता था.

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