'औद्योगिक इकाइयों पर लगी पाबंदी से छूट मिले' : प्रदूषण मामले में हरियाणा के शराब निर्माता ने SC में दाखिल की अर्जी

अर्जी हरियाणा लिकर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा याचिका दायर की गई है. इसमें कहा गया है कि समय की पाबंदी यूनिट के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से काम करने वाले 1,000 श्रमिकों और उनके परिवारों को प्रभावित कर रही है .

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
नई दिल्‍ली:

दिल्ली- NCR प्रदूषण मामले में हरियाणा के शराब निर्माता ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर औद्योगिक इकाइयों पर लगी पाबंदी से छूट की मांग की  है.शराब निर्माता ने समय की पाबंदी के कारण वित्तीय नुकसान का हवाला दिया. यह अर्जी हरियाणा लिकर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा याचिका दायर की गई है. इसमें कहा गया है कि समय की पाबंदी यूनिट के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से काम करने वाले 1,000 श्रमिकों और उनके परिवारों को प्रभावित कर रही है .शराब निर्माता का दावा है कि फैक्ट्री बायोमास ईंधन के रूप में पराली का उपयोग करती है, जिससे प्रदूषण को कम करने में मदद मिलती है.

दरअसल दिल्ली- NCR में औद्योगिक इकाइयों को प्रतिदिन केवल 8 घंटे और सप्ताह में केवल 5 दिन संचालित करने का निर्देश दिया गया था.याचिका में कहा है.शराब उत्पादन के लिए निरंतर 24 घंटे चालू रहने की आवश्यकता है.फैक्ट्री बायोमास को ईंधन के रूप में उपयोग करती है.पराली जलाने से प्रदूषण हो रहा था लेकिन वो उद्योग किसानों से पराली खरीदता है, जिससे उन्हें खुले में पराली न जलाने के लिए प्रोत्साहन मिलता है.इस तरह की इकाइयों के बंद होने से धान की पराली की खरीद कम हो जाएगी और बदले में किसान बिना किसी सुरक्षा उपायों के खुले में इसे और अधिक जलाएंगे.फैक्ट्री में उत्सर्जन के निर्धारित मानकों को बनाए  रखा जाता है.ये पाबंदी यूनिट के कर्मचारियों / वेतन भोगियों को प्रभावित करेगी जिससे यूनिट के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से काम करने वाले एक हजार कर्मचारी और उनके परिवार प्रभावित होंगे.

पूर्व सीजेआई जस्टिस रंजन गोगोई अपने एक बयान की वजह से घिर गए

Featured Video Of The Day
Imran Khan Death Rumor: इमरान की 'हत्या' पर चल गईं गोलियां ! | Syed Suhail | Pak Protest
Topics mentioned in this article