मोहल्ला क्लीनिक में फर्जी टेस्ट के आरोपों की CBI जांच होगी, LG ने की थी सिफारिश

कुछ दिन पहले सक्सेना ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में उन दवाइयों की कथित आपूर्ति की सीबीआई जांच (Delhi Mohalla Clinic) की सिफारिश की थी, जो मानकों पर खरा उतरने में नाकाम रही थीं.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins

Delhi Mohalla Clinic Fraud Case: मोहल्ला क्लीनिक में फर्जी टेस्ट के आरोपों की होगी CBI जांच. (प्रतीकात्मक फोटो)

दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक में फर्जी पैथोलॉजी-रेडियोलॉजी टेस्ट (Mohalla Clinic Fake Test Case CBI Inquiry) के आरोपों की अब CBI जांच होगी. दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना ने मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. बता दें कि  केजरीवाल सरकार का महत्‍वाकांक्षी प्रोजेक्‍ट 'मोहल्ला क्लीनिक' की तर्ज पर ही पंजाब में भी छोटे-छोटे क्लीनिक खोले जा रहे हैं. केजरीवाल सरकार अपने मोहल्ला क्लीनिकों पर बहुत ही गर्व महसूस करती है. लेकिन हाल ही में इन मोहल्ला क्लीनिकों में होने वाले पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी टेस्ट में घोटाले का आरोप लगा.  दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्‍सेना ने मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.

ये भी पढ़ें-दिल्ली के 'मोहल्ला क्लीनिकों' में होने वाले टेस्‍ट में घोटाले का आरोप, उपराज्यपाल ने की CBI जांच की सिफारिश

LG ने की थी CBI जांच की सिफारिश

इस घटनाक्रम से कुछ दिन पहले सक्सेना ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में उन दवाइयों की कथित आपूर्ति की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, जो मानकों पर खरा उतरने में नाकाम रही थीं. इस बीच, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार ने गलत कार्यों को लेकर मोहल्ला क्लीनिक के कई चिकित्सकों और कर्मचारियों को पिछले साल सेवा सूची से हटा दिया था और स्वास्थ्य सचिव को बर्खास्त करने की मांग की.

Advertisement

एक अधिकारी ने कहा, "यह सैकड़ों करोड़ रुपये के घोटाले का संकेत है. सक्सेना ने दिसंबर 2022 में मोहल्ला क्लीनिक और दिल्ली सरकार के अस्पतालों में आने वाले मरीजों के लिए निजी प्रयोगशाला में जांच सुविधाओं के विस्तार से संबंधित एक फाइल को मंजूरी देते हुए ये निर्देश जारी किए."

Advertisement

खतरे में पड़ सकती थी मरीजों की जान-अधिकारी

दिल्ली सरकार के सतर्कता और स्वास्थ्य विभाग ने निजी डायग्नोस्टिक कंपनियों को भेजी जा रही प्रयोगशाला जांच के संबंध में छानबीन की. अधिकारी ने कहा कि पिछले साल अगस्त में यह पाया गया कि दक्षिण-पश्चिम, शाहदरा और उत्तर-पूर्वी जिलों में सात मोहल्ला क्लीनिक के कुछ चिकित्सकों और कर्मचारियों ने पहले से रिकॉर्ड किए गए वीडियो के माध्यम से धोखाधड़ी से अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए "अनैतिक आचरण" का सहारा लिया.

Advertisement

उन्होंने कहा कि ये मोहल्ला क्लीनिक जफर कलां, उजवा, शिकारपुर, गोपाल नगर, ढांसा, जगजीत नागर और बिहारी कॉलोनी में थे. अधिकारी ने कहा कि इन मोहल्ला क्लीनिक में मरीजों को चिकित्सा परामर्श प्रदान किया जाता था और चिकित्सकों की अनुपस्थिति में अनधिकृत कर्मचारियों द्वारा दवाएं वितरित की जाती थीं, जिससे मरीजों की जान खतरे में पड़ सकती थी.

Advertisement

पिछले साल कर्मचारियों पर हुआ था एक्शन

उन्होंने कहा कि पिछले साल सितंबर में कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई और उन्हें सूची से हटा दिया गया और उनके खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज की गईं. इसके बाद, दो निजी सेवा प्रदाताओं से प्राप्त पिछले साल जुलाई से सितंबर तक तीन महीनों के लिए नमूना प्रयोगशाला परीक्षण डेटा की समीक्षा की गई. अधिकारी ने कहा, "इसमें यह पाया गया कि मरीजों के पंजीकरण और बाद में उनकी प्रयोगशाला जांच के लिए फर्जी या गैर-मौजूद मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया गया था."उन्होंने कहा, "इसके अलावा, मोबाइल नंबर का दोहराव भी था। डेटा से स्पष्ट रूप से पता चला कि इन मोहल्ला क्लीनिक में फर्जी प्रयोगशाला जांच की गई, जिनकी आगे छानबीन करने की आवश्यकता है."

मरीजों के मोबाइल नंबरों का मिला दोहराव

जांच रिपोर्ट के अनुसार, एक ही मोबाइल नंबर-9999999999 के साथ विभिन्न रोगियों के 3,092 रिकॉर्ड थे, जबकि 999 रोगियों के मामले में, उनके मोबाइल नंबर का 15 या अधिक बार दोहराव किया गया. इसी तरह, 11,657 मरीजों के नाम के आगे मोबाइल नंबर शून्य दर्ज था, जबकि 8,251 मरीजों के मामले में मोबाइल नंबर का कॉलम खाली छोड़ दिया गया था.

सक्सेना द्वारा सीबीआई जांच की सिफारिश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में आपूर्ति की जा रही "घटिया दवाओं: और मोहल्ला क्लीनिक में कथित घोटाले के लिए स्वास्थ्य सचिव को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.