मंकीपॉक्स (Monkeypox) के मरीजों के लिए दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में 6 बेड का एक आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. तीन दिन पहले ही दिल्ली में मंकीपॉक्स के मरीज को अस्पताल में एडमिट किया गया था. अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि मरीज की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है. उन्होंने बताया कि मंकीपॉक्स के मरीज को ठीक होने पर आमतौर पर दो से तीन हफ्ते का वक्त लग जाता है.
डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि मंकीपॉक्स के मरीज को बुखार और स्किन में लीजंस की शिकायत के बाद भर्ती किया गया था. साथ ही उन्होंने बताया कि सर्विलांस टीम मरीज से पूछताछ के बाद कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में जुटी है. उन्होंने बताया कि मंकीपॉक्स एक डीएनए वायरस है और यह स्मॉल पॉक्स फैमिली का वायरस है.
डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि मंकीपॉक्स का संक्रमण डॉपलेट, ब्लड, फ्लूड सेक्रिशन और सलाइवा से फैलता है. उन्होंने बताया कि मरीज की बेडशीट-टॉवेल और उसके द्वारा इस्तेमाल कपड़ों के संपर्क में आने से मंकीपॉक्स से संक्रमण की आशंका रहती है.
मंकीपॉक्स के आंकड़ों के मुताबिक, मृत्यु की आशंका एक से तीन फीसदी मामलों में हो सकती है. इनमें भी सबसे ज्यादा रिस्क ऐसे लोगों को होती है, जिनकी इम्युनिटी कम होती है. उन्होंने बताया कि 98 से 99 फीसदी मरीज मंकीपॉक्स से ठीक हो जाते हैं.
डॉ. सुरेश कुमार ने लोगों को सलाह दी है कि यदि बुखार और स्किन से संबंधित समस्या दिख रही हो तो मंकीपॉक्स की आशंका बढ़ जाती है. खासतौर पर चेहरे और हथेली की स्किन पर दाने हों और उनमें दर्द महसूस हो रहा हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
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