आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली संजय सिंह की याचिका खारिज कर दी है.
संजय सिंह ने ईडी द्वारा गिरफ्तारी का आधार नहीं बताने पर गिरफ्तारी को अवैध घोषित किए जाने की मांग की थी.
हाईकोर्ट की जज जस्टिस स्वर्णकांता ने संजय सिंह की ये याचिका खारिज की है.
संजय सिंह 5 अक्टूबर को हुए थे गिरफ्तार
ईडी ने संजय सिंह के दिल्ली वाले घर में बुधवार (5 अक्टूबर) को सुबह 7 बजे से छापा मारा था. यहां से कई दस्तावेज जब्त किए गए थे. लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने उसी शाम करीब 5:30 बजे संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया था. आबकारी नीति केस की चार्जशीट में संजय सिंह का भी नाम है. इस केस में मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) फरवरी से ही जेल में हैं.
जनवरी में ED ने अपनी चार्जशीट में जोड़ा था संजय सिंह का नाम
ED की चार्जशीट में संजय सिंह पर 82 लाख रुपये का चंदा लेने का जिक्र है. इसी साल जनवरी में ED ने अपनी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम जोड़ा था. इसको लेकर संजय सिंह ने काफी हंगामा मचाया था. संजय सिंह ने दावा किया कि ईडी ने उनका नाम गलती से जोड़ दिया है. जिस पर ED ने जवाब दिया कि उनकी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम चार जगह लिखा गया है. इनमें से तीन जगह नाम सही लिखा गया है. सिर्फ एक जगह टाइपिंग की गलती हो गई थी. जिसके बाद ED ने संजय सिंह को मीडिया में बयानबाजी न करने की सलाह दी थी, क्योंकि मामला कोर्ट में लंबित है.
क्या है दिल्ली आबकारी नीति घोटाला?
दिल्ली में पुरानी आबकारी नीति के तहत L1 और L10 लाइसेंस रिटेल वेंडर को दिया जाता था. 17 नवंबर 2021 को शराब के लिए नई आबकारी नीति लागू होने तक 849 शराब की दुकानें थीं. इनमें से 60% दुकानें सरकारी और 40% निजी थीं.
नई नीति के तहत दिल्ली में शराब की सरकारी दुकानों को बंद कर दिया गया. नई नीति को लागू करने के लिए दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया था. हर जोन में 27 शराब की दुकानें थीं. इन दुकानों का मालिकाना हक जोन को जारी किए गए लाइसेंस के तहत दिया गया था. हर वार्ड में 2 से 3 वेंडर को शराब बेचने की अनुमति दी गई.