अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला: श्रवण गुप्ता को HC से झटका, गैर-जमानती वारंट रद्द कराने की अर्जी पर फैसला सुरक्षित 

श्रवण गुप्ता की ओर से सीनियर वकील विकास पाहवा ने अदालत में पेश होकर कहा कि उनके मुवक्किल भारत आकर जांच में शामिल नहीं हो सकते. लेकिन वो वर्चुअल तरीके से (VC के ज़रिए) जांच में शामिल होने को तैयार हैं. उन्होंने बताया कि इस संबंध में एक ताजा अर्जी भी दाखिल की गई है.

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दिल्ली हाईकोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में आरोपी श्रवण गुप्ता की गैर-जमानती वारंट रद्द करने की अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा है।
कोर्ट ने श्रवण गुप्ता के वकील की प्रक्रिया को लेकर सख्त टिप्पणी की और मामले को और लटकाने की कोशिशों को अस्वीकार किया।
श्रवण गुप्ता पर आरोप है कि उन्होंने अगस्ता वेस्टलैंड डील के किकबैक पैसे को विदेशों में फर्जी कंपनियों के जरिए सफेद किया था।
नई दिल्ली:

वीवीआईपी अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में आरोपी कारोबारी श्रवण गुप्ता को दिल्ली हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. श्रवण गुप्ता की गैर-जमानती वारंट रद्द कराने की अर्जी पर आज कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया. लेकिन सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उनके वकील और मामले की प्रक्रिया को लेकर सख्त टिप्पणी की.

श्रवण गुप्ता की ओर से सीनियर वकील विकास पाहवा ने अदालत में पेश होकर कहा कि उनके मुवक्किल भारत आकर जांच में शामिल नहीं हो सकते. लेकिन वो वर्चुअल तरीके से (VC के ज़रिए) जांच में शामिल होने को तैयार हैं. उन्होंने बताया कि इस संबंध में एक ताजा अर्जी भी दाखिल की गई है.

हालांकि, जज नीना बंसल ने कहा कि इस मामले में पहले भी दोनों पक्षों की दलीलें हो चुकी हैं और हर बार बहस के बाद वकील विकास पाहवा ने नए निर्देश लेने के नाम पर समय मांगा है, जो कोर्ट की नजर में ठीक नहीं है. जज ने कहा कि वरिष्ठ वकील होने के बावजूद इस तरह की प्रक्रिया अपनाना उचित नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि बार-बार तारीख लेने और मामले को लटकाने की कोशिश की जा रही है, जो गंभीर मामला है. कोर्ट ने साफ कर दिया कि अब इस मामले में कोई और तारीख नहीं दी जाएगी और फैसला सुरक्षित रख लिया गया है.

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कौन हैं श्रवण गुप्ता?

श्रवण गुप्ता 2005 से 2016 तक Emaar MGF Land Ltd के मैनेजिंग डायरेक्टर और एग्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन रहे. इसी दौरान उनकी मुलाकात अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले के दूसरे आरोपियों गौतम खेतान और गुइडो हैश्के से हुई. जांच एजेंसी ईडी का आरोप है कि श्रवण गुप्ता ने इनके जरिए मिले घोटाले के पैसे को विदेशों में बनाए गए फर्जी कंपनियों के जरिए घुमाकर सफेद किया.

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ईडी के मुताबिक गुप्ता की विदेशी कंपनियों में 19 लाख 12 हजार यूरो और 34 लाख 57 हजार अमेरिकी डॉलर, यानी लगभग 28.7 करोड़ रुपये की अवैध रकम ट्रांसफर की गई. यह रकम अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील के कथित "किकबैक" (घूस) का हिस्सा थी.

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जांच से बचने की कोशिश
ईडी का दावा है कि 2019 में जब गुप्ता को पूछताछ के लिए बुलाया गया, तो वह मेडिकल वजहों का हवाला देकर देश से बाहर चले गए और तब से लंदन में रह रहे हैं. इसके बाद उन्हें कई बार समन और वारंट भेजे गए. लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. 31 अगस्त 2020 को स्पेशल कोर्ट ने उनके खिलाफ ओपन एंडेड गैर-जमानती वारंट जारी किया था और बाद में 28 अगस्त 2023 को रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी कर दिया गया.

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अब तक क्या-क्या हुआ है

  • 10 फरवरी 2022 को ईडी ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में गुप्ता को औपचारिक आरोपी बनाया
  • 15 मार्च 2022 को PMLA की स्पेशल कोर्ट ने इसपर संज्ञान लिया
  • गुप्ता की कुल 21 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की जा चुकी हैं
  • फिलहाल ईडी प्रोसीड्स ऑफ क्राइम की और जांच कर रही है


अब देखना होगा कि कोर्ट इस हाई-प्रोफाइल आरोपी के खिलाफ क्या फैसला सुनाती है, लेकिन आज की सुनवाई ने साफ कर दिया कि अदालत इस मामले को और लटकाने के मूड में नहीं है. यह मामला देश के सबसे चर्चित रक्षा घोटालों में से एक अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर डील से जुड़ा है, जिसमें कई हाई-प्रोफाइल नामों की भूमिका की जांच चल रही है.

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