सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद दिल्ली सरकार ने NCRTC को 415 करोड़ रुपये किए जारी

दिल्ली के मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, "परिवहन विभाग ने आज 415 करोड़ रुपये का भुगतान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) को किया है."

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल.
नई दिल्ली:

दिल्ली सरकार ने 'रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम'(RRTS) परियोजना के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) को 415 करोड़ रुपये जारी किए हैं. परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने शुक्रवार को ये जानकारी दी.
इस हफ्ते की शुरुआत में, उच्चतम न्यायालय ने अलवर और पानीपत तक आरआरटीएस गलियारे के लिए पैसे नहीं देने को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी. न्यायालय ने चेतावनी दी थी कि यदि एक हफ्ते के अंदर बकाये का भुगतान नहीं किया गया, तो आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा विज्ञापनों के लिए आवंटित निधि को इस परियोजना के मद में हस्तांतरित कर दिया जाएगा.

मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, "परिवहन विभाग ने आज 415 करोड़ रुपये का भुगतान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) को किया है."

सरकार ने निधि की पहली किस्त के रूप में करीब 80 करोड़ रुपये कुछ महीने पहले जारी किए थे. आरआरटीएस परियोजना के तहत दिल्ली को उत्तर प्रदेश में मेरठ, राजस्थान में अलवर और हरियाणा में पानीपत से जोड़ने के लिए 'सेमी-हाई स्पीड' रेल गलियारे का निर्माण किया जा रहा है.

शीर्ष न्यायालय ने पूर्व में दिल्ली सरकार की बजटीय विवशता को स्वीकार किया था, लेकिन उसे चेतावनी दी थी कि यदि इस तरह की राष्ट्रीय परियोजनाएं प्रभावित होती हैं और धन विज्ञापनों पर खर्च किया जाता है, तो कोर्ट उस निधि को इस परियोजना के लिए हस्तांतरित करने का निर्देश देने से नहीं हिचकेगा.

एनएसीआरटीसी, आरआरटीएस परियोजना का कार्यान्वयन कर रहा है, जो केंद्र और शामिल राज्य के बीच एक संयुक्त उपक्रम है.
 

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