- दिल्ली के निगमबोध घाट में यमुना नदी का पानी भरने से अंतिम संस्कार की प्रक्रिया अस्थायी रूप से बंद कर दी गई है.
- घाट की सात से आठ फीट ऊंची दीवार टूटने के कारण नदी का पानी शवदाह गृह परिसर में घुस गया है.
- निगमबोध घाट पर रोजाना लगभग पचपन से साठ दाह संस्कार होते हैं, जो बाढ़ के कारण प्रभावित हुए हैं.
दिल्ली में लगातार बढ़ते यमुना के जलस्तर ने आम लोगों की जिंदगी के साथ-साथ अंतिम संस्कार की व्यवस्था को भी प्रभावित किया है. राजधानी का सबसे पुराना और व्यस्ततम श्मशान घाट निगमबोध घाट बुधवार दोपहर तीन बजे से बंद करना पड़ा. आमतौर पर यहां रोजाना 55–60 दाह संस्कार होते हैं, लेकिन यमुना किनारे बने इस शवदाह गृह में पानी घुस जाने से अंतिम संस्कार की प्रक्रिया रोक दी गई है.
घाट परिसर की 7–8 फुट ऊंची दीवार का एक हिस्सा टूट गया, जिससे नदी का पानी अंदर भर आया. नगर निगम कर्मी बंध बनाए जाने का काम कर रहे हैं ताकि और ज़्यादा पानी अंदर न जाए. स्थानीय सुपरवाइजर ने बताया कि “फिलहाल दाह संस्कार बंद हैं. लेकिन जिन परिवारों ने पहले से संस्कार किया था, वे अपने परिजनों की अस्थियां लेने आ सकते हैं.
आज कई परिवार अस्थियां लेने घाट पहुंचे. एक परिजन ने बताया कि मेरे पिताजी कैंसर से गुज़रे थे. कल यहां ज़्यादा पानी नहीं था. लेकिन आज हालात अलग हैं. हम अस्थियां हरिद्वार ले जाकर विसर्जन करेंगे. वहीं मॉडल टाउन निवासी एक और शख़्स ने कहा कि गंगा में अभी बहुत पानी है, इसलिए हम अस्थियां वहीं पास के हनुमान मंदिर धर्मशाला में रखेंगे.
गौरतलब है कि 2023 की बाढ़ के दौरान भी निगमबोध घाट को एक हफ़्ते तक बंद करना पड़ा था. ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यह घाट, जहाँ देश की कई नामचीन हस्तियों का अंतिम संस्कार हुआ है, इस समय यमुना की बाढ़ की चपेट में है.