जेल से बेल तक केजरीवालः 2021 से अब तक क्या-क्या हुआ, जानें इस केस से जुड़ी टाइमलाइन

ईडी का आरोप है कि दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए साउथ ग्रुप से 100 करोड़ रुपए रिश्वत में लिए. रिश्वत से मिले पैसे का इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनाव में किया गया.

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नई दिल्ली:

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal Bail) को बड़ी राहत मिली है. वह आज तिहाड़ जेल से बाहर आ सकते हैं. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें गुरुवार को 1 लाख रुपए के निजी वॉन्ड पर जमानत दे दी थी.  वह मनी लांड्रिंग मामले में जेल में बंद थे. हालांकि लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें 21 दिन के लिए जमानत मिली थी. वहीं, चुनाव खत्म होते ही 2 जून को उन्हें फिर से जेल जाना पड़ा. लेकिन अब उन्हें 18 दिन बाद नियमित जमानत मिल गई है. केजरीवाल को जमानत मिलने की खुशी में आम आदमी पार्टी ने जमकर जश्न मनाया.

बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था. सीएम पद पर जेल जाने वाले पह पहले नेता हैं. ईडी ने अरेस्ट करने से पहले उनको 9 समन जारी कर पूछताछ के लिए तलब किया था, लेकिन उन्होंने एक भी समन का जवाब नहीं दिया था. 

अरविंद केजरीवाल क्यों गए जेल?

ये पूरा मामला साल 2021 से जुड़ा है. दिल्ली सरकार ने नवंबर 2021 में नई शराब नीति लागू की थी. यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है. इस मामले में मनीष सिसोदिया, संजय सिंह समेत कई नेता जेल जा चुके हैं. सीएम अरविंद केजरीवाल को भी ईडी ने कई बार समन भेजा, लेकिन उन्होंने उसे नजर अंदाज कर दिया, जिसके बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया. 

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सीएम अरविंद केजरीवाल पर नई शराब नीति घोटाला मामले में मुख्य साजिशकर्ता होने का आरोप है. ईडी ने आरोप लगाया है कि सीएम केजरीवाल कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने की साजिश में शामिल थे. शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के बदले रिश्वत मांगी गई थी. ईडी का आरोप है कि दिल्ली सीएम ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए साउथ ग्रुप से 100 करोड़ रुपए रिश्वत में लिए. रिश्वत से मिले पैसे का इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनाव में किया गया. ईडी ने कहा कि दिल्ली सीएम ने आबकारी घोटले के मुख्य आरोपियों में शामिल समीर महेंद्रू के साथ वीडियो कॉल पर बात की थी. इस मामले के दूसरे आरोपी विजय नायर के साथ कम करना जारी रखने के लिए कहा था. 

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2021 से अब तक क्या-क्या हुआ?

  • नवंबर 2021 में दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को लागू किया था.
  • 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव ने नई शराब नीति में उल्लंघन की शिकायत एलजी से की. 
  • 22 जुलाई 2022 को दिल्ली के उपराज्यपाल ने इस मामले में CBI जांच की सिफारिश की.
  • 19 अगस्त 2022 को दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर CBI ने छापेमारी की.
  • 22 अगस्त 2022 को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया.
  • सितंबर 2022 में आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन हेड विजय नायर को CBI नें अरेस्ट किया.
  • मार्च 2023 में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को CBI ने गिरफ्तार किया.
  • अक्टूबर 2023 में आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता संजय सिंह को ईडी ने अरेस्ट किया.
  • 2 नवंबर 2023 को ईडी ने केजरीवाल को पहला समन भेजा.
  • 21 नवंबर 2023 को ईडी ने केजरीवाल को दूसरा समन भेजा.
  • 3 जनवरी 2024 को ईडी ने केजरीवाल को तीसरा समन भेजा.
  • 18 जनवरी 2024 को ईडी ने केजरीवाल को चौथा समन भेजा.
  • 2 फरवरी 2024 को ईडी ने दिल्ली सीएम को पांचवा समन भेजा.
  • 19 फरवरी 2024 को ईडी ने दिल्ली सीएम के छठा समन भेजा.
  • 26 फरवरी 2024 को ईडी ने केजरीवाल को सातवां समन भेजा.
  • 4 मार्च 2024 को ईडी ने केजरीवाल को आठवां समन भेजा.
  • 16 मार्च 2024 को प्रवर्तन निदेशालय ने बीआरएस नेता के कविता को अरेस्ट किया.
  • 21 मार्च 2024 को ईडी ने दिल्ली सीएम को नौवां और आखिरी समन भेजा.
  • 21 मार्च 2024 को प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को अरेस्ट किया.
  • 10 मई 2024 को सीएम केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के लिए अंतरिम जमानत मिली. 
  • 2 जून 2024 को अंतरिम जमानत अवधि समाप्त होने के बाद सीएम केजरीवाल ने कोर्ट में सरेंडर किया और फिर से जेल चले गए. 
  • 20 जून 2024 को सीएम केजरीवाल को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 1 लाख के निजी मुचलके पर जमानत दे दी. 


दिल्ली शराब नीति घोटाला मामला क्या है?

दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू की थी. इसके लिए 32 जोन राजधानी में बनाए गए थे. हर एक जोर में 27 दुकानें खोली जानी थीं. कुल 849 दुकानें खोली जानी थीं. दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति में सभी 100 परसेंट दुकानों को प्राइवेट कर दिया. सरकार का कहना था कि ऐसा करने से सरकार को 3500 करोड़ रुपए का लाभ हुआ है. उन्होंने कहा कि एल-1 लाइसेंस के लिए ठेकेदार पहले 25 लाख रुपए चुकाते थे, लेकिन नई नीति में उनको 5 करोड़ रुपए देने पड़े. हालांकि इस नीति से सरकार और पब्लिक दोनों को ही नुकसान होने का आरोप लगाया गया.

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शराब कोरोबारियों को फायदा पहुंचाने का आरोप

आरोप है कि दिल्ली सरकार की इस नीति ने सिर्फ बड़े शराब कारोबारियों को ही फायदा पहुंचा है. इसके बदले रिश्वत लेने का आरोप भी सरकार पर लगा. कहा गया कि शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित तौर पर अनियमितता बरती गई. इन शिकायतों के बाद दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को रद्द कर दिया गया. वहीं एलजी ने CBI जांच की भी सिफारिश की. उसके बाद क्या हुआ ये हम आपको पहले ही बता चुके हैं. 
 

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