दिल्ली के 30 'स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस' बाबा साहेब के नाम से जाने जाएंगे : CM केजरीवाल

केजरीवाल ने कहा कि जिसने कदम-कदम पर छुआछूत बर्दाश्त किया, जिसके पास खाने का नहीं था, जब इंटरनेट नहीं था, तब उस शख्स ने अपनी जिंदगी में वो सब हासिल किया.

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भीमराव अंबेडकर की जयंती पर बोले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली:

आज बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती है. इस मौके पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है. केजरीवाल ने कहा है कि आज बाबा साहेब का जन्मदिन है. हर वर्ष की तरह धूमधाम से मना रहे हैं. लेकिन इस साल हम अपने 30 स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस को बाबा साहेब के नाम पर कर रहे हैं, उन्हें इससे अच्छी श्रद्धांजलि नहीं हो सकती.

केजरीवाल ने कहा कि जिसने कदम-कदम पर छुआछूत बर्दाश्त किया, जिसके पास खाने का नहीं था, जब इंटरनेट नहीं था, तब उस शख्स ने अपनी जिंदगी में वो सब हासिल किया. 100-150 साल में भारत ने जितने सपूत पैदा किए उनमें सबसे महान बाबा साहेब हैं. 

हमारे देश में दो तरह की शिक्षा प्रणाली है. सरकारी स्कूलों को और भी खराब किया गया, पैसे वालों के लिए शानदार स्कूल हैं. हमारी सरकार बनी तो दो मॉडल थे, हमने तय किया कि सरकारी स्कूलों को इतना अच्छा बनाएंगे कि लोग अपने बच्चों को स्वेच्छा से सरकारी स्कूल में भेजेंगे. टीचर्स पेरेंट्स का सहयोग मिला और हमने इसे 5 साल में कर दिया. आज हमारे कई MLAs के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हैं.

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वहीं डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा है कि बाबा साहेब ने हम सबकी जिंदगी के लिए जो सपना देखा था कि सबको समानता का अधिकार मिले, आज इस दिन पर शुभकामना है कि हम सबकी जिंदगी में यह समानता बनी रहे. आज हम अपने सबसे अच्छे सरकारी स्कूल को बाबा साहेब के नामपर समर्पित कर रहे हैं. यह अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक सोच का परिणाम है. उनका मानना है कि जो सामाजिक दायरे में पीछे रह गए हैं, उन्हें समान अवसर मिलना चाहिए. सरकारी स्कूल की गुणवत्ता कैसी हो सकती है, यह देखना हो तो लोगों को हमारे इस स्कूल में आना चाहिए. जब जब स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में क्वालिटी रिव्यू होता है, तब-तब सीएम का पैरामीटर बाबा साहेब के विजन के अनुसार होता है.

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पिछले कुछ समय से राजनीति में शिक्षा की बात हो रही है. हम हरियाणा गुजरात मे कहते हैं कि स्कूल देखो, वे कहते हैं कि अपने दिल्ली के स्कूल देखो. हमारे विरोधी MP स्कूलों में जा रहे हैं. एक एमपी ने दिखाया कि टाइल्स टूटे हैं. एक ने कहा कि व्हाइट वाश नहीं हुआ. हमने उसे ठीक करने का आदेश दिया. हम कहते हैं निंदक नियरे राखिए. मनीष सिसोदिया कुछ राज्यों में स्कूल देखने गए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, इसकी क्या जरूरत थी... कुछ समय से राजनीति का नैरेटिव शिक्षा और स्वास्थ्य पर शिफ्ट हो रहा है. 

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(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a press release)

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