भूमि हस्तांतरण मामले में दिल्ली के मुख्य सचिव तलब

सरकार ने एक बयान में कहा कि पिछले साल उत्तरी दिल्ली के झांगोला गांव में भूखंड के हस्तांतरण के सिलसिले में पांच उप-विभागीय मजिस्ट्रेट और एक अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को निलंबित कर दिया गया था.

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दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव से 21 जून तक कुछ प्रश्नों के उत्तर देने के लिये कहा है.

दिल्ली विधानसभा की याचिका समिति ने भूमि संबंधी शिकायत के सिलसिले में मुख्य सचिव नरेश कुमार को समन जारी किया है. समिति ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव से 21 जून तक कुछ प्रश्नों के उत्तर देने के लिये कहा है. याचिका समिति को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी आशीष मोरे के खिलाफ शिकायत मिली थी जिन्हें हाल ही में मंत्री सौरभ भारद्वाज के आदेश पर सचिव (सेवा) के पद से हटा दिया गया था.

सरकार ने एक बयान में कहा कि पिछले साल उत्तरी दिल्ली के झांगोला गांव में भूखंड के हस्तांतरण के सिलसिले में पांच उप-विभागीय मजिस्ट्रेट और एक अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को निलंबित कर दिया गया था. बयान में आरोप लगाया गया है, “आशीष मोरे ने एक ही गांव में एक ही प्रकार की भूमि को स्थानांतरित करने के लिए एक ही तरीके का इस्तेमाल किया. सरकार से संबंधित निष्क्रांत संपत्ति को अवैध रूप से स्थानांतरित किया गया और लोगों को 'भूमिदारी' अधिकार दिए गए.”

बयान में दावा किया गया है कि उत्तरी दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट उन अपीलों का फैसला करते थे जहां “अवैध भूमि हस्तांतरण” की गई थी. समिति द्वारा मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र के अनुसार, संभागीय आयुक्त अश्विनी कुमार के साथ मोरे को सात जून को समिति के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा गया था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए. पत्र में दावा किया गया है कि वे 14 जून को समिति के समक्ष उपस्थित हुए और स्वीकार किया कि भूमि निष्क्रांत संपत्ति थी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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