सर्दियों की शुरुआत में दिल्ली में प्रदूषण से हालात खराब हो जाते हैं. इस साल ये ना हो इसके लिए दिल्ली सरकार ने अपनी तैयारियों के बारे में सूचना दी है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के दो करोड़ लोगों ने पिछले 7 सालों में मिलकर दिल्ली में प्रदूषण से निजात पाने के लिए बहुत सारे उपाय किए हैं और बहुत मेहनत की है. नतीजा यह है कि भारत सरकार का क्लीन एयर प्रोग्राम बताता है (NCAP) 2017-18 के 2021-22 में दिल्ली के वायु प्रदूषण में काफी सुधार हुआ है. PM 10 लेवल 18.6% सुधार हुआ.
उन्होंने कहा कि हमने इस मौसम में प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए 15 पॉइंट प्लान तैयार किया है
1. पराली- इसके मैनेजमेंट के लिए PUSA द्वारा तैयार किया गया बायो डी कंपोजर का छिड़काव किया जाएगा। पिछले साल 4,000 एकड़ में किया गया था इस बार 5,000 एकड़ में किया जाएगा
2. डस्ट पोलूशन रोकने के लिए 6 अक्टूबर से anti-dust अभियान चलाया जाएगा। 500 स्क्वायर मीटर से ज्यादा जो कंस्ट्रक्शन साइट है उनके लिए अब कंपलसरी होगा कि सरकार के वेब पोर्टल पर रजिस्टर करें और डस्ट कंट्रोल की रियल टाइम मॉनिटरिंग होगी। 586 टीमों का गठन किया गया है जो कंस्ट्रक्शन साइट पर जाकर मॉनिटरिंग करेंगे. 5000 स्क्वायर मीटर से ज्यादा के एरिया वाली कंस्ट्रक्शन साइट पर एंटी स्मोग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके तहत पूरी दिल्ली में 233 एंटी स्मोग गन लगाए जा रहे हैं. सड़क पर उड़ने वाली धूल को कंट्रोल करने के लिए 80 डस्ट स्वीपिंग मशीन लगाई है. 521 मशीनें पानी का छिड़काव करेंगी. 150 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई जा रही हैं ताकि सड़कों से उड़ने वाली धूल को कंट्रोल किया जा सके
3. वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए PUC की जांच और सख्त की जाएगी. 10 साल पुरानी डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन सड़कों पर ना उतरे इसका पालन कराने के लिए सख्ती की जाएगी. 380 टीम बनाई गई हैं इसको लागू कराने के लिए. 203 ऐसी सड़कें हैं जहां बहुत भीड़ भाड़ होती है, इसकी वजह से प्रदूषण होता है तो यहां पर भीड़भाड़ कम करने के लिए वैकल्पिक रूट तैयार किए गए हैं.
4. खुले में कूड़ा चलाना प्रतिबंधित है और इसको रोकने के लिए 611 टीमों का गठन किया गया है.
5. 33 टीमों का गठन किया गया है ताकि इंडस्ट्री में कोई पाइप नेचुरल गैस के अलावा दूसरा इंधन इस्तेमाल ना करें.
6. पटाखों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है पटाखों के खरीदने उसके भंडारण बिक्री सब पर प्रतिबंध है. ऑनलाइन डिलीवरी भी नहीं हो सकती। इसको लागू कराने के लिए 210 टीमों का गठन किया गया है.
7. रियल टाइम सोर्स ऑफ पोलूशन स्टडी- आईआईटी कानपुर ने हमारे साथ एक स्टडी की है .इसके लिए राउस एवेन्यू रोड पर एक सुपर साइट बनाई गई है और इसके अलावा एक मोबाइल बैन है जिसके ऊपर काफी सारे एक इक्विपमेंट लगाए गए हैं.हमको उम्मीद है 20 अक्टूबर से हमें डाटा मिलना शुरू होगा। जिसने पता चलेगा कि किस तरह का पोलूशन है और इसका स्रोत क्या है.
8. पर्यावरण मित्र बनाए गए हैं अभी तक 3500 से ज्यादा वॉलिंटियर्स ने इसके लिए रजिस्टर किया है। यह लोग समाज सेवा करेंगे और लोगों को पर्यावरण के लिए जागरूक करेंगे. अगर आप पर्यावरण मित्र बनना चाहते हैं तो 8448441758 पर मिस कॉल दें.
9. इलेक्ट्रॉनिक कूड़े के प्रबंधन के लिए एक ई-वेस्ट पार्क बना रहे हैं. उत्तर पश्चिम दिल्ली के होलंबी कला में 20 एकड़ में ई वेस्ट पार्क बना रहे हैं. पूरी दिल्ली का इलेक्ट्रॉनिक कचरा वहां ले जाया जाएगा और साइंटिफिक तरीके से इसको प्रोसेस किया जाएगा.
10. ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए हमने 42 लाख पौधे लगाने का टारगेट रखा था, पहले चरण में 33 लाख पेड़ लगा चुके, दूसरे चरण में 9 लाख पेड़ पौधे और लगाएंगे.
11. 24×7 एक ग्रीन वार रूम बनाया जाएगा जो मॉनिटरिंग बेहतर तरीके से करेगा। 3 अक्टूबर से शुरू होगा। इसमें 9 मेंबर्स होंगे, जो साइंटिफिक एक्सपर्ट होंगे और वह आंकलन करके अगले दिन का प्लान बनाएंगे.
12. हमने ग्रीन दिल्ली ऐप बनाया था जो बहुत कामयाब रहा अभी तक इस पर 53 हजार कंप्लेंट आ चुकी हैं. 90% शिकायतों का समाधान हो चुका है आप भी इसको डाउनलोड करें और कहीं कचरा जलते हुए या प्रदूषण होते हुए देखते हैं या किसी वाहन का प्रदूषण देखते हैं तो इस ऐप के जरिए शिकायत करें.
13. दिल्ली में 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट की पहचान की गई है। इन पर नजर रखी जाएगी और पोलूशन कम करने के उपाय किए जाएंगे.
14. संशोधित ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू किया. इसके तहत एयर क्वालिटी का 3 दिन का फोरकास्ट किया जाएगा.
15. भारत सरकार, वायु गुणवत्ता आयोग, पड़ोसी राज्य सबके साथ मिलकर प्रदूषण कम करने की कोशिश करेंगे. सभी पड़ोसी राज्यों से निवेदन जितने भी वाहन उनके यहां से दिल्ली में आते हैं कोशिश करें कि वह ज्यादा से ज्यादा या तो सीएनजी हो या फिर इलेक्ट्रिक हो. पड़ोसी राज्य भी अपने यहां इंडस्ट्रियल यूनिट में PNG को लागू करें और प्रदूषण करने वाले ईंधन को रोकें. पड़ोसी राज्यों से यह भी निवेदन है कि ईटों के भट्टे को रोके. डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध लगाया जाए। कम से कम एनसीआर के इलाके में 24 घंटे बिजली का इंतजाम हो ताकि लोगों को डीजल का उपयोग ना करना पड़े.