दिल्ली: ब्लैक फंगस की दवा Amphotericin-B किसे मिलेगी, किसे नहीं? सरकार ने बनाई ये कमेटी

Black Fungus: सरकार का तर्क है कि Amphotericin-B इंजेक्शन के गलत प्रयोग को रोकने और ब्लैक फंगस के मामले में सही व सुचारू वितरण को लेकर दिल्ली सरकार ने चार सदस्यीय टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है. 

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दिल्ली: ब्लैक फंगस की दवा Amphotericin-B किसे मिलेगी, किसे नहीं? सरकार ने बनाई ये कमेटी
Amphotericin-B इंजेक्शन के सही इस्तेमाल की जिम्मेदारी व्यक्तिगत तौर पर अस्पताल प्रशासन की होगी.
नई दिल्ली:

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal Government) ने ब्लैक फंगस (Black Fungus) की दवा Amphotericin-B इंजेक्शन के इस्तेमाल की इजाजत देने के लिए 4 सदस्यीय डॉक्टरों की टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी बनाई है. यही कमेटी फैसला करेगी कि किसे यह इंजेक्शन दिया जाना चाहिए और किसे नहीं. इस इंजेक्शन की बढ़ती मांग, किल्लत, कालाबाज़ारी के चलते दिल्ली सरकार ने ये फैसला लिया है.

हाल ही में दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया था कि ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन Amphotericin-B के 1 लाख डोज़ की मांग केंद्र सरकार से की गयी है.

सरकार का तर्क है कि Amphotericin-B इंजेक्शन के गलत प्रयोग को रोकने और ब्लैक फंगस के मामले में सही व सुचारू वितरण को लेकर दिल्ली सरकार ने चार सदस्यीय टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है. 

कमेटी के सदस्य:
1. डॉ. एम. के. डागा (चेयरमैन)
2. डॉ. मनीषा अग्रवाल
3. डॉ. एस. अनुराधा
4. डॉ. रवि मेहर

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इस निर्णय से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु:

1. जिन भी अस्पतालों को इंजेक्शन की जरूरत होगी, वे सबसे पहले इस कमेटी के पास अप्लाई करेंगे.

2. तय फॉरमेट के अनुसार ही इसके लिए एप्लिकेशन ईमेल के जरिए या फिजीकल कॉपी के रूप में कमेटी को भेजनी होगी.

3. चूंकि ऐसे मामलों में समय बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए इंजेक्शन के लिए आए एप्लिकेशन पर विचार और निर्णय के लिए हर दिन दो बार, सुबह 10-11 AM और शाम 4-5 PM के बीच कमेटी की बैठक होगी. बैठक वर्चुअल/डिजिटल भी हो सकती है.

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4. DGHS कमेटी के साथ कॉर्डिनेट करेंगी और ऐसे मामलों में जल्द से जल्द निर्णय लेने में सहायता देंगीं. वे अप्रूवल से लेकर अस्पतालों तक इंजेक्शन की डिलीवरी तक को मॉनिटर करेंगी. 

5. हर दिन की मीटिंग का निर्णय ईमेल के जरिए सम्बंधित पक्षों से साझा किया जाएगा. एप्लिकेशन खारिज होने के मामले में सम्बंधित अस्पताल को लिखित में जानकारी दी जाएगी. मीटिंग के निर्णय की एक कॉपी स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर भी डाली जाएगी.

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6. कमेटी के निर्देश पर DGHS का कार्यालय अस्पताल या इंस्टिट्यूशन के अधिकृत व्यक्ति को इंजेक्शन मुहैया कराएगा. या प्राइवेट अस्पतालों के मामले में स्टॉकिस्ट भुगतान के साथ अस्पताल के अधिकृत व्यक्ति को इंजेक्शन उपलब्ध कराएगा.

7. DGHS और सभी स्टॉकिस्ट यह सुनिश्चित करेंगे कि अस्पतालों तक इंजेक्शन उसी दिन पहुंचे. इससे जुड़ा सभी रिकॉर्ड DGHS का कार्यालय मेंटेन करेगा.

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8. सम्बंधित अस्पताल को तय मरीज के लिए इंजेक्शन के इस्तेमाल की रिपोर्ट सौंपनी होगी.

9. Amphotericin-B इंजेक्शन के सही इस्तेमाल की जिम्मेदारी व्यक्तिगत तौर पर अस्पताल प्रशासन की होगी, वे सुनिश्चित करेंगे कि इसका किसी भी तरह से गलत इस्तेमाल न हो. आगामी समय में ऑडिट के मद्देनजर उन्हें इसका रिकॉर्ड भी रखना होगा.

10. केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए स्टॉक के अनुसार ही Amphotericin-B इंजेक्शन का वितरण होगा. वितरण की प्रक्रिया में किसी तरह की वेटिंग लिस्ट नहीं बनाई जा सकेगी.

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11. स्टॉक खत्म होने की स्थिति में नया स्टॉक आने पर अस्पतालों को सूचित किया जाएगा और नए सिरे से एप्लिकेशन मंगाए जाएंगे.

12. इलाज कर रहे डॉक्टर के विशेष रिकमेंडेशन पर विशेष परिस्थिति में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव खुद किसी सरकारी अस्पताल को इंजेक्शन दे सकेंगे.

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