Delay in NEET PG Counselling : डॉक्टरों का विरोध 13वें दिन भी जारी, विरोध प्रदर्शन में चिकित्सकों की संख्या बढ़ी

चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय और उत्तर रेलवे सेंट्रल अस्पताल के डॉक्टरों के सोशल मीडिया पर पोस्ट तस्वीरों में बैनरों पर ‘मेडिकल बिरादरी के लिए काला दिन', ‘काउंसलिंग कराओ, डॉक्टर बुलाओ' और ‘हमें न्याय चाहिए' जैसे नारे लिखे थे.

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नीट पीजी काउंसलिंग में देरी का विरोध कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपना प्रदर्शन और तेज कर दिया है.
नई दिल्ली:

दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों में बुधवार को रोगियों की देखभाल प्रभावित हुई क्योंकि नीट पीजी काउंसलिंग में देरी का विरोध कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपना प्रदर्शन और तेज कर दिया है, जबकि राजधानी दिल्ली में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) के और अधिक सदस्य प्रदर्शन में शामिल हुए. राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (आरजीएसएसएच) के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने बुधवार सुबह एक बयान जारी किया कि उसके सदस्य सोमवार को डॉक्टरों पर कथित पुलिस कार्रवाई के विरोध में ‘‘सेवाएं वापस ले रहे हैं'' और उसने नीट पीजी काउंसलिंग प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की.

पूर्वी दिल्ली में स्थित आरजीएसएसएच दिल्ली सरकार के अधीन आता है. आरजीएसएसएच दिल्ली में कोविड-19 के उपचार के लिए प्रमुख अस्पतालों में से एक है. अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘सीनियर रेजिडेंट और जूनियर रेजिडेंट ने आज से सेवाओं का बहिष्कार किया है. लेकिन हम क्षतिपूर्ति करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि रोगियों की देखभाल ज्यादा प्रभावित न हो.'' लगभग 900-2000 रोगी प्रतिदिन ओपीडी में आते हैं. चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय और दिल्ली में सबसे व्यस्त अस्पतालों में से एक उत्तर रेलवे सेंट्रल अस्पताल में आरडीए के सदस्यों ने भी विरोध जताते हुए सेवाओं का बहिष्कार किया. उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने पुष्टि की कि एनआर सेंट्रल अस्पताल के डॉक्टर विरोध में शामिल हो गए हैं.

चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय और उत्तर रेलवे सेंट्रल अस्पताल के डॉक्टरों के सोशल मीडिया पर पोस्ट तस्वीरों में बैनरों पर ‘मेडिकल बिरादरी के लिए काला दिन', ‘काउंसलिंग कराओ, डॉक्टर बुलाओ' और ‘हमें न्याय चाहिए' जैसे नारे लिखे थे. नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग में देरी का विरोध कर रहे दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टरों का आंदोलन बुधवार को 13वें दिन में प्रवेश कर गया. फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) के अध्यक्ष डॉ मनीष ने कहा, ‘‘हड़ताल अब भी जारी है.'' हड़ताल के कारण केंद्र द्वारा संचालित तीन अस्पतालों सफदरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग तथा दिल्ली सरकार द्वारा संचालित कुछ अस्पतालों में भी मरीजों की देखभाल प्रभावित हुई है.

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फोर्डा ने मंगलवार को प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया था क्योंकि उनके एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के बीच हुई बैठक में कोई प्रगति नहीं हुई थी. फोर्डा के एक प्रतिनिधिमंडल और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के बीच यहां निर्माण भवन में बैठक हुई थी, लेकिन डॉक्टरों की संस्था ने कहा था, ‘‘जवाब संतोषजनक नहीं था.'' मांडविया ने उनसे व्यापक जनहित में अपनी हड़ताल वापस लेने का आग्रह किया था. दिल्ली में रेजिडेंट डॉक्टर बुधवार सुबह सफदरजंग अस्पताल के परिसर में जमा हुए, जहां कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था.

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पुलिस के अनुसार, सफदरजंग अस्पताल में पर्याप्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, जहां एक हजार से अधिक रेजिडेंट डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर एकत्र हैं. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मौजूदा कोरोनो वायरस महामारी की स्थिति के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को जारी किए गए ‘येलो अलर्ट' के बारे में प्रदर्शनरत रेजिडेंट डॉक्टरों को बताया गया है. ओमिक्रॉन स्वरूप के प्रसार के कारण कोविड​​​​-19 मामलों में वृद्धि के बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को येलो अलर्ट घोषित किया था, जिसके तहत स्कूल, कॉलेज, सिनेमा और जिम बंद कर दिए गए हैं, गैर-जरूरी वस्तुओं की दुकानें सम-विषम आधार पर चल रही हैं और मेट्रो ट्रेन एवं बसें 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चलाई जा रही हैं.

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