महाराष्ट्र में दो लोगों की H3N2 वायरस के कारण मौत का संदेह, स्वास्थ्य विभाग सतर्क

राज्य में इन्फ्लुएंजा संक्रमण के 361 मामले सामने आने के साथ ही राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अमले को सतर्क रहने के लिए कहा गया

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मुंबई:

महाराष्ट्र में दो लोगों की संदिग्ध रूप से इन्फ्लूएंजा के कारण मौत होने की खबर है. इनमें से एक 74 वर्षीय व्यक्ति की सब टाइप H3N2 वायरस से मौत होने का संदेह है. दूसरे के बारे में बताया जा रहा है कि वह कोविड-19 के साथ-साथ इन्फ्लूएंजा वायरस से संक्रमित था. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने बुधवार को विधानसभा में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि राज्य में इन्फ्लूएंजा संक्रमण के 361 मामले सामने आने के साथ राज्य के स्वास्थ्य अमले  को अलर्ट पर रखा गया है. अगले दो दिनों में आगे के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे.

मंत्री तानाजी सावंत ने लोगों को भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क का इस्तेमाल करने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की सलाह भी दी है.

कोविड का प्रकोप कम हुआ तो लोगों के कमजोर शरीर में आम बीमारियों के भी गंभीर लक्षण दिख रहे हैं. फ्लू वायरस ‘इन्फ्लुएंजा' का सबटाइप ‘H3N2' मुंबई सहित महाराष्ट्र में तेजी दिखा रहा है. राज्य में इससे दो संभावित मौतें हुई हैं. मुंबई में कई बच्चे वेंटिलेटर पर हैं.

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दो महीने का एक मासूम बच्चा इन्फ्लुएंजा और अडीनोवायरस से जूझ रहा है. बीमारी ब्रेन तक पहुंच चुकी है और उसकी हालत गंभीर है. उसके पिता किसी तरह हिम्मत बांधे हैं. बच्चे के पिता सुमित वाडेकर ने कहा, ''पहला बच्चा है, बस प्रार्थना कर रहे हैं बच जाए. किसी तरह हिम्मत दिखानी पड़ रही है.''

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मुंबई के प्रतिष्ठित पीडियाट्रीशियन डॉ इरफान अली करीब 17 घंटे की लंबी ड्यूटी कर रहे हैं. वे बीएमसी से लेकर तीन बड़े प्राइवेट अस्पतालों में ऐसे बच्चों का इलाज कर रहे हैं. वे कहते हैं कोविड से खराब हुए लंग्स पर मामूली फ्लू जैसी बीमारी भी भारी पड़ रही है. 

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डॉ इरफ़ान अली ने कहा कि, ‘'लगभग हर जगह बच्चों के वेंटिलेटर फुल हैं. क्रिटिकल बच्चे यहां रेफेर होकर आ रहे हैं. हर दिन सिर्फ केजे सोमैया अस्पताल की ओपीडी में 30 ऐसे मरीज़ आते हैं. इनमें से 10 को आईसीयू या वेंटिलेटर की ज़रूरत पड़ रही है. जिन बच्चों को पहले लंग्स की बीमारी हुई है या फ्लू की वैक्सीन नहीं ली है, उन पर ज्यादा असर दिख रहा है. अधिकांश बच्चे इन्फ्लुएंजा के लक्षण वाले आ रहे हैं.''

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इन्फ्लूएंजा बीमारी के तीन सबटाइप हैं, इन्फ्यूएंजा ए H1N1 वायरस, इन्फ्लूएंजा बी विक्टोरिया वायरस
और H3N2. सैंपल में सबसे ज़्यादा H3N2 वायरस ही पाया जा रहा है. इससे हर उम्र के लोग ग्रसित हैं. महाराष्ट्र में अब तक इससे पीड़ित 352 मरीज मिले हैं. दो संभावित मौतें अहमदनगर और नागपुर में हुईं हैं. इनके सैंपल की रिपोर्ट का इंतजार है.

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने कहा कि, ‘'दो लोगों की मौत बताई जा रही है. 24 घंटे में ब्लड सैंपल की रिपोर्ट आएगी, फिर तय तरीके से बता सकते हैं मौत का कारण. अब तक H3N2 वायरस के 352 मरीज आ चुके हैं. उनका इलाज जारी है और अस्पतालों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है. H3N2 घातक नहीं है, उपचार से ठीक हो सकता है. किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है.''

एनएच एसआरसीसी चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल की चिकित्सा निदेशक डॉ सूनू उड़ानी ने कहा कि, ‘'बीते दो महीने से H3N2 का प्रकोप हम देख रहे हैं. अमीर-गरीब, हर वर्ग में यह बीमारी फैल रही है. कोविड के दौरान बच्चे घर पर रहे, बाहर का एक्सपोज़र कम था. वह कारण हो सकता है कि बच्चों में इम्युनिटी कम हुई है.''

यह वायरस हर छह महीने में अपना रूप बदलता है. 70 प्रतिशत ब्लड सैंपल H3N2 वायरस के बताए जा रहे हैं. जनवरी से मार्च तक इसके मामले हर साल आम हैं, लेकिन इस साल इसका प्रभाव उन लोगों पर ज्यादा दिख रहा है जिनके लंग्स और स्वास्थ्य को कोविड जैसी बीमारियों ने कमजोर किया है.

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