मध्यप्रदेश के सागर में अनुसूचित जाति के दूल्हे की बारात पुलिस के पहरे में निकली. हंगामा दूल्हे के घोड़ी चढ़ने पर था. पुलिस की मौजूदगी में बारात तो निकल गई लेकिन रात में गांव में वर्चस्व रखने वाले लोधी समाज के लोगों ने दूल्हे के घर और आसपास के घरों पर पथराव कर दिया. बाहर रखी गाड़ियों के कांच फोड़ दिए. जिसके बाद गांव में पुलिस की तैनाती हुई, 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ. मामला रविवार का है. वैसे संसद में पेश आंकड़े बताते हैं कि दलितों के प्रति अत्याचार के मामले में मध्यप्रदेश देश में चौथे नंबर पर है, जबकि आदिवासियों के प्रति अत्याचार के मामले में पहले नंबर पर.
मध्यप्रदेश में आजकल सत्ताधारी बीजेपी नेता बूथ विस्तारक कार्यक्रम में लगे हैं, मीडिया में अनुसूचित जाति या जनजाति के लोगों के घरों में उनके खाने की तस्वीरें भी खूब छपती हैं. मध्यप्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ऐसे ही एक कार्यक्रम में मंगलवार को पिपरिया में खापरखेड़ा पहुंचे, भगत सिंह अहिरवार के घर खाना खाया. भगत सिंह के मेन्यू में ये बाजरे की रोटी, चने की भाजी, हल्दी की सब्जी, पनीर, बर्रे की रोटी, ज्वार की रोटी थी. ये और बात है कि खाना जियाराम विश्नोई ने बनाया था.
खैर नेताजी भोजन तो करते हैं लेकिन उसी मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति के लोग घोड़ी चढ़कर आएं, अपने घर में शादी के जश्न में खाना खाएं, ये कई लोगों को बर्दाश्त नहीं. सागर के गनियारी गांव में अहिरवार जाति का दूल्हा पुलिस की मौजूदगी में घोड़ी पर तो चढ़ गया लेकिन गांव में दबंग लोधियों को ये नागवार था. शाम को बारात गांव से चली गई तो उनके घर पर पथराव, गाड़ियों में तोड़-फोड़ हो गई.
गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्र ने अगले दिन कहा, 'सागर के ग्राम गनियारी में पुलिस ने सूचना मिलते ही दलित दूल्हे को उनकी परंपरा अनुसार गांव में पूरी सुरक्षा के साथ घुमाया. बारात जाने के बाद उपद्रव करने वाले उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
अगले दिन केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल भी गांव पहुंचे और लोगों को न्याय दिलाने का वायदा किया. भीम आर्मी के कार्यकर्ता पहुंचे, नारे लगाये और स्थानीय विधायक के खिलाफ गुस्से का इज़हार किया. भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष धर्मेन्द्र अहिरवार ने कहा, 'बंडा विधायक तरवर सिंह के भतीजों का यहां संरक्षण है. कल बंडा में विधायक तरवर सिंह का पुतला दहन होगा.' तरवर सिंह लोधी कांग्रेस के विधायक हैं.
तो वंचितों के घर में खाना खाने और गुंडों के उन्हें घोड़ी नहीं चढ़ने देने की घटनाओं के बीच सरकारी आंकड़े हैं जो कहते हैं कि, 2018 से 2020 के बीच देशभर में दलितों के खिलाफ अपराध के 1,38,045 मामले दर्ज हुए. जिसमें यूपी, बिहार, राजस्थान के बाद 16952 मामलों के साथ मध्य प्रदेश चौथे नंबर पर रहा. 2020 में आदिवासियों के उत्पीड़न में 20 फीसद मामले बढ़े और 2401 मामलों के साथ मध्यप्रदेश पहले नंबर पर रहा.
माननीयों को दो तस्वीरें पसंद हैं. एक दिखाने वाली, दूसरी छिपाने वाली. कथित सामाजिक बराबरी के नाम पर खाना खाने की तस्वीरें दिखाने वाली हैं लेकिन किसी वंचित को घोड़ी चढ़ने से रोकने या उसपर अत्याचार की तस्वीरें छिपानी वाली. फिर भी जो दिखती हैं उससे ही तस्वीर की भयावहता का अंदाज़ा हो जाता है.
राजस्थान में दलित दूल्हा सुरक्षा के बीच चढ़ा घोड़ी