साइबर ठगों का नया पैंतरा, फर्जी ई-चालान का लिंक भेजकर दे रहे ठगी की वारदात को अंजाम; ऐसे बचें

वाहन मालिक चालान भरने के लिये लिंक पर जैसे ही क्लिक करता है और अपने बैंक अकाउंट डिटेल या डेबिड-क्रेडिट कार्ड की जानकारी डालता है,  वैसे ही हैकर्स सबसे पहले उसके फोन को हैक करते हैं. थोड़ी ही देर में पूरा बैलेंस साफ कर देते हैं.

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जरा सी सावधानी से आप साइबर ठगों से बच सकते हैं. (प्रतीकात्‍मक)
फरीदाबाद:

ठगी की वारदातों को अंजाम देने के लिए बदमाश नए-नए तरीके ईजात करते रहते हैं. अब ठगी का एक और नया तरीका सामने आया है, जिसमें फर्जी ई चालान और परिवहन विभाग की सरकारी वेबसाइट की हूबहू नकल बनाकर आमजन के साथ ठगी की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है. फरीदाबाद पुलिस ने वाहन चालकों को जागरूक करने के लिए गाइडलाइन जारी की है, जिसके जरिये ठगी से बचा जा सकता है. 

डीसीपी मुख्यालय हेमेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि साइबर ठग अब ई-चालान भुगतान के बढ़ते ट्रेंड को हथियार बनाकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. उन्होंने बताया कि फोन पर ई-चालान का संदेश आने पर जल्दबाजी में भुगतान ना करें. संदेश की जांच करें वरना जल्दबाजी के चक्कर में बैंक खाता खाली भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि साइबर ठग इस तरीके से हूबहू नकली संदेश तैयार करते है, जहां साइबर ठग भुगतान करने के लिए संदेश मे नीचे एक फर्जी लिंक भेजते हैं. इस प्रकार साइबर ठग हूबहू मैसेज तैयार कर लेते हैं, जिसमें लिखा आता है कि आपका चालान कट गया है और आप इस लिंक पर क्लिक कर चालान भर सकते हैं. 

ऐसे करें असली और नकली मैसेज की पहचान
ई-चालान के असली मैसेज में आपके वाहन के इंजन नंबर, चेसिस नम्बर सहित अन्य जानकारी शामिल होती है. वहीं चालान कटने पर लिंक में सरकारी वेबसाइट का एड्रेस https://echallan.parivahan.gov.in/ आता है. अब ठग चालाकी के साथ लिंक में मामूली सा अंतर कर देते हैं, जिसे थोड़ी सी सतर्कता से पहचाना जा सकता है. ठग की तरफ से आने वाले मैसेज में https://echallan.parivahan.in/ का लिंक होता है, जिसके अंत में .gov हटा दिया जाता है. असली लिंक में gov.in. जरूर होगा. 

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साइबर ठग इस तरह देते हैं धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम
साइबर ठगों की तरफ से आने वाले लिंक पर क्लिक कर भुगतान की कोशिश में लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं. कोई भी वाहन मालिक चालान भरने के लिये लिंक पर  जैसे ही क्लिक करता है और अपने बैंक अकाउंट डिटेल या डेबिड-क्रेडिट कार्ड की जानकारी डालता है,  वैसे ही हैकर्स सबसे पहले उसके फोन को हैक करते हैं. थोड़ी देर तक फोन को अपने कंट्रोल में रखकर बैंक खाता या डेबिट-क्रेडिट का पूरा बैलेंस साफ कर देते हैं. डीसीपी ने बताया कि ई-चालान के असली मैसेज में आपके वाहन के इंजन नंबर, चेसिस नम्बर सहित अन्य जानकारी शामिल होती है, जबकि फर्जी मैसेज मे यह जानकारी नहीं होती. इसके साथ ही कभी भी ई-चालान का मैसेज किसी भी मोबाइल नम्बर से नहीं आता है, जिस लिंक को खोलकर चालान का भुगतान कर रहे है, उस वेबसाइट का लिंक .gov.in पर खत्म होना चहिए. वहीं ई-चालान का मैसेज आने पर साइट पर जाकर भी जांच कर सकते है. 

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धोखाधड़ी होने पर किस प्रकार करें शिकायत
पुलिस प्रवक्ता सुबे सिंह ने बताया कि अगर आपके साथ किसी भी प्रकार की ऑनलाइन ठगी हो जाती है तो तुरंत नेशनल साइबर कंप्लेंट पोर्टल नंबर 1930 पर कॉल करें और www.cybercrime.gov.in पर आनलाईन शिकायत दर्ज कराएं. ठगी होने पर तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 डायल करें या 112 या कंप्लेंट पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाने पर आपके खाते से निकले हुए पैसे की ट्रांजेक्शन को रोका जा सकता है. इसके अलावा नजदीक के पुलिस स्टेशन में जाकर साइबर हेल्प डेस्क या साइबर थाने से मदद ली जा सकती है. 

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