केदारनाथ में एक हेलीकॉप्टर रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान गिर गया. यहां पूर्व में एक हेलीकॉप्टर खराब हो गया था. बाद में इसे MI-17 हेलीकॉप्टर से लिफ्ट किया जा रहा था. इसी दौरान ये हेलीकॉप्टर नीचे गिर गया और यह हादसा हुआ है. हादसे में किसी नुकसान की खबर सामने नहीं है.
एमआई-17 हेलीकॉप्टर से फिसल गया और मंदाकिनी नदी के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया. ये हेलीकॉप्टर किसी आबादी वाले इलाके में नहीं गिरा, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था. बताया जाता है कि अचानक से वायर टूटने से यह हादसा हुआ है. घटनास्थल पर SDRF के जवान पहुंचे और सर्च ऑपरेशन जारी है.
SDRF ने बताया कि आज SDRF बचाव दल को पुलिस चौकी लिनचोली के माध्यम से सूचना मिली कि एक निजी कंपनी का खराब हेलीकॉप्टर, जिसे केदारनाथ हेलीपैड से दूसरे हेलीकॉप्टर द्वारा गोचर हेलीपैड तक ले जाया जा रहा था, थारू कैंप के पास लिनचोली में नदी में गिर गया है. SDRF की टीम मौके पर पहुंच गई है और राहत कार्य जारी है. इस घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है. SDRF की टीम द्वारा खोजबीन की जा रही है.
गौरीकुंड से केदारनाथ मार्ग पर बारिश के कारण हुए भूस्खलन के कारण हजारों लोग फंस गए थे, जिसके बाद प्रशासन को निजी हेलिकॉप्टरों के अलावा वायु सेना के चिनूक और एमआई17 हेलीकॉप्टरों की मदद से बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू करना पड़ा था.
वायुसेना ने कहा कि मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. इसने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘आज उत्तराखंड में क्षतिग्रस्त केस्ट्रेल सिविल हेलीकॉप्टर को ले जाते समय भारतीय वायुसेना के एमआई-17 वी5 को उड़ान संबंधी सुरक्षा कारणों से भार को नीचे गिराना पड़ा.''
24 मई 2024 को इस हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई थी. यात्री सिरसी हेलिपैड से केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए जा रहे थे. इसी दौरान हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आ गई थी. इसके बाद इमरजेंसी लैंडिंग हुई. इस घटना में सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया था.
यह निजी हेलीकॉप्टर थी और पहले यात्रियों को केदारनाथ मंदिर तक पहुंचाने के लिए उपयोग किया जाता था. बता दें कि भारी बारिश के कारण हिमालय मंदिर तक जाने वाले पैदल मार्ग को हुए व्यापक नुकसान के कारण 31 जुलाई से केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी गिरावट आई है.
इस वर्ष चारधाम यात्रा 10 मई को तीर्थयात्रियों के लिए केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ शुरू हुई थी. बद्रीनाथ के कपाट 12 मई को खुले थे. अब तक 33 लाख से अधिक तीर्थयात्री हिमालयी मंदिरों के दर्शन कर चुके हैं.