J&K में 'जगह' की समस्‍या के कारण CRPF ने कश्‍मीरी पंडितों के घरों और अन्‍य परिसरों को बनाया 'ठिकाना'

ल्‍प न होने के चलते CRPF को कश्‍मीरी पंडितों के खाली घरों, अस्‍पतालों, स्‍कूलों, होटल यहां तक कि मंदिरों में भी 'शरण' लेनी पड़ रही है.

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
प्रतीकात्‍मक फोटो
नई दिल्‍ली:

जम्‍मू और कश्‍मीर में आवास/जगह (Accommodation) की कमी के चलते केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF)को अपने लिए 'ठिकाने' की तलाश में खासी मशक्‍कत करनी पड़ रही है. विकल्‍प न होने के चलते  CRPF को कश्‍मीरी पंडितों के खाली घरों, अस्‍पतालों, स्‍कूलों, होटल यहां तक कि मंदिरों में भी शरण लेनी पड़ रही है. जम्‍मू-कश्‍मीर में पेशेवर ड्यूटी को अंजाम देने के लिए ऐसे करीब 737 परिसरों में, बल तैनात किया है. सीआरपीएफ महानिदेशक कुलदीप सिंह ने गुरुवार को बातचीत के  दौरान कहा, 'हम कोई परिवार हमसे कहेगा तो हम, सीआरपीएफ की ओर से 'कब्‍जा किए गए' कश्‍मीरी पंडितों के घरों को खाली कर देंगे.सरकार निश्चित रूप से हमारे जवानों को कोई अन्‍य स्‍थान उपलब्‍ध कराएगी. '

सशस्‍त्र बल की ओर से रखे गए डेटा के अनुसार, सीआरपीएफ ने एक स्‍कूल, एक अस्‍पताल, दो सिनेमाघरों, आठ बागों, 26 औद्योगिक इकाइयों और फैक्‍टरियों, 30 होटलों, 71 कृषि उपयोग की जमीन और अन्‍य निजी बिल्डिंगों- जिसमें कश्‍मीर पंडितों के घर और 333 अन्‍य सरकारी इमारतें शामिल हैं, में ठिकाना बना रखा है. सीआरपीएफ के अनुसार, ये स्‍थान, स्‍थानीय सरकार की ओर से उन्‍हें उपलब्‍ध कराए गए हैं और वे इसके लिए किराया देते हैं. बता दें, पिछले साल जब कश्‍मीर में हिंसक घटनाओं में इजाफा हुआ था तब घाटी के कुछ सेक्‍टर्स में, बलों को नए सिरे से तैनात किया गया था, इसके फलस्‍वरूप श्रीनगर के आसपास बटालियनों की संख्‍या काफी बढ़ गई थी. आवास की कमी के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA)में भी चर्चा हुई थी. सीआपीएफ के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि फोर्स के पास वाशरूम जैसे आधारभूत सुविधाएं भी नहीं है और इस मुद्दे को जम्‍मूकश्‍मीर के एलजी के समक्ष उठाया गया था. उनके अनुसार, MHA ने आश्‍वस्‍त किया है कि बल को पर्याप्‍त 'आवास' उपलब्‍ध कराया जाएगा. 

डीजी कुलदीप सिंह ने NDTV से कहा, 'हमें जम्‍मू कश्‍मीर प्रशासन से 10 स्‍थानों पर accommodation के उद्देश्‍य से  524 canal जमीन मिली है, हम इसमें अपना कैंप विकसित कर रहे हैं.' जमीनी स्‍तरपर अधिकारियों ने यह भी स्‍पष्‍ट किया कि सरकार सभी परिसरों का किराया भुगतान करती है और राज्‍य सरकार के निर्देशों के अनुसार CRPF वहीं रह रही है. एक वरिष्‍ठ सीआरपीएफ अधिकारी ने कहा, 'जब तैनाती होती है तो सीआरपीएफ, स्‍थानीय पुलिस से जवानों के लिए स्‍थान और परिसर उपलब्‍ध कराने को कहती है. जम्‍मू कश्‍मीर में सरकार ने यह स्‍थान उपलब्‍ध कराए हैं और वे इसका किराया देते हैं. ' उन्‍होंने कहा, 'हमने इन परिसरों पर अवैध रूप से कब्‍जा नहीं किया है बल्कि ये हमें राज्‍य सरकार की ओर से प्रदान किए गए हैं. हाल ही में सीआरपीएफ को अधोसंरचना निर्माण के लिए जमीन भी दी गई है.' देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल, जिसके 65 हजार जवान कश्‍मीर घाटी में तैनात हैं, के प्रमुख ने कहा, जब भी इन्‍हें सरकार की ओर से अनुकूल माहौल बनाने के लिए कहा जाएगा, हम ऐसा करेंगे.' उन्‍होंने कहा कि किसी के भी कश्‍मीर आने-जाने के लिए माहौल अच्‍छा है. 

Advertisement

- ये भी पढ़ें -

* '"कांग्रेस का 'जी-23' समूह सड़ा हुआ आम है", सामना के संपादकीय में जबरदस्त खिंचाई
* "कांग्रेस अध्यक्ष की इच्छा पर छोड़ा पद": नवजोत सिंह सिद्धू ने दिया PPCC चीफ पद से इस्तीफा
* "लखीमपुर केस : आशीष मिश्रा व UP सरकार को SC का नोटिस, सभी गवाहों को सुरक्षा देने का आदेश

Advertisement

"क्‍यों न रद्द कर दी जाए जमानत?": लखीमपुर हिंसा मामले में आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

Advertisement
Featured Video Of The Day
Mahakumbh 2025: भगदड़ के बाद वापस लौट रहे श्रद्धालु, प्रशासन ने किए बेहतरीन इंतजाम | Prayagraj
Topics mentioned in this article