हिमाचल प्रदेश में जारी राजनीतिक संकट अभी दूर नहीं हुआ है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री विरभद्र सिंह के बेटे और मौजूदा मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने गुरुवार रात को छह बागी विधायकों से मुलाकात की है. बता दें कि ये वही छह बागी विधायक हैं जिनकी वजह से बीते दिनों राज्यसभा चुनाव के दौरान हुए मतदान में कांग्रेस क्रॉस वोटिंग की वजह से हार गई थी. कुछ दिन पहले ही हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने इस सभी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था.
दिल्ली के दौरे पर विक्रमादित्य सिंह
आपको बता दें कि विक्रमादित्य सिंह ने क्रॉस-वोटिंग नहीं की, लेकिन चुनाव वाले दिन उन्होंने कांग्रेस पर अपने पिता की स्मृतियों का अनादर करने का आरोप जरूर लगाया था.विक्रमादित्य सिंह अगले दो दिन दिल्ली में हैं. अपने दिल्ली दौरे के दौरान वह केंद्रीय सड़क औऱ परिवहन मंत्री से मुलाकात करेंगे. सूत्रों के अनुसार उन्होंने बागी विधायकों से मुलाकात की. जिन्होंने आज सुबह अपनी अयोग्यता के खिलाफ हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का रुख किया.
सूत्रों ने बताया कि वह शिमला वापस जाते समय रविवार को फिर विधायकों से मिल सकते हैं. सभी छह बागी विधायक फिलहाल चंडीगढ़ के एक बड़े होटल में रुके हुए हैं. सूत्रों ने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के दो अन्य विधायकों ने भी बागी विधायकों से मुलाकात की है.हालांकि, अभी तक किसी भी पक्ष की तरफ से इन बैठकों को लेकर कोई टिप्पणी नहीं किया गया है.
"मुझे बेटे के कार्यक्रम की कोई जानकारी नहीं"
वहीं, विक्रमादित्य सिंह की मां प्रतिभा सिंह, जो कांग्रेस की राज्य इकाई की प्रमुख हैं, ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि उन्हें अपने बेटे के कार्यक्रम के बारे में कोई जानकारी नहीं है. वह कल रात तक यहीं था. उसके बाद उसने क्या किया... मुझे नहीं पता. इन अटकलों के बीच कि विक्रामदित्य सिंह औऱ उनका परिवार सरकार पर नियंत्रण के लिए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को चुनौती देने से पहले सही समय का इंतजार कर रहा है. विक्रमादित्य सिंह की मां ने कहा कि वह सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात करेंगी.
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से. वे हमारे आलाकमान हैं और हमें जाकर उन्हें अवगत कराना होगा कि हिमाचल प्रदेश में अब यही स्थिति है और (वे) हमें बता सकते हैं कि क्या करना है.
"संगठन को मजबूत करना बेहद जरूर"
विक्रमादित्य सिंह की मां ने कहा कि पहले दिन से मैं मुख्यमंत्री से कहती रही हूं कि हम आगामी चुनावों का सामना तभी कर सकते हैं जब वह संगठन को मजबूत करेंगे. यह हमारे लिए बहुत कठिन स्थिति है. हम जमीन पर बहुत सारी कठिनाइयां देख सकते हैं और पीएम मोदी के निर्देश पर बीजेपी बहुत कुछ करने जा रही है.उन्होंने कहा कि हम कमजोर स्थिति में हैं... मैंने उनसे बार-बार आग्रह किया है. यह कठिन समय है, लेकिन फिर भी हमें चुनाव लड़ना है और जीतना है. उन्होंने क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों के प्रति भी सहानुभूति दिखाई.
बता दें कि बुधवार को, जब कांग्रेस विधायकों के क्रॉस-वोटिंग की चुनौती से निपट रही थी, तभी विक्रमादित्य सिंह ने अपने इस्तीफे की घोषणा की थी. उन्होंने मुख्यमंत्री पर अपने विधायकों के प्रति "लापरवाही" का आरोप लगाया और पार्टी पर उनके पिता की मूर्ति के लिए जमीन आवंटित नहीं करने का आरोप लगाते हुए रो पड़े.