‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ को अपना रही कांग्रेस, BJP का मुकाबला करने की स्थिति में नहीं: सीताराम येचुरी

उन्होंने कहा, ‘‘आरएसएस और भाजपा के हिंदुत्व एजेंडे को केवल धर्मनिरपेक्षता के दृढ़ अनुपालन से ही परास्त किया जा सकता है.

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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव सीताराम येचुरी बोले
कोच्चि:

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव सीताराम येचुरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी ‘साफ्ट हिंदुत्व' को अपना रही है, जिसने उसे अतीत की तुलना में कमजोर बना दिया है और इसलिए, वह भाजपा और आरएसएस का मुकाबला करने और उन्हें सरकार को नियंत्रित करने की स्थिति से हटाने की स्थिति में नहीं है. एर्णाकुलम में चार दिवसीय पार्टी राज्य सम्मेलन के तीसरे दिन मीडिया से बात करते हुए, येचुरी ने कहा कि अकेला वाम है जो वर्तमान में हिंदुत्ववादी ताकतों द्वारा पेश की गई चुनौती का ‘‘वैचारिक, राजनीतिक और संगठनात्मक रूप से मुकाबला करने में सक्षम है.

उन्होंने कहा, ‘‘आरएसएस और भाजपा के हिंदुत्व एजेंडे को केवल धर्मनिरपेक्षता के दृढ़ अनुपालन से ही परास्त किया जा सकता है. सॉफ्ट हिंदुत्व' को किसी भी तरह से अपनाने से केवल हिंदुत्ववादी ताकतों के एजेंडे में बढ़ोतरी होगी और यही कांग्रेस करती है.'' उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस आज, अतीत की तुलना में, काफी कमजोर है और भाजपा और आरएसएस में कई लोग इसे एक बड़े खतरे के रूप में नहीं देखते. मुख्यतः इसलिए क्योंकि किसी भी समय, इसके किसी भी नेता को भाजपा में शामिल होने के लिए लुभाया जा सकता है, जैसा कि कई बार हुआ है.''

उन्होंने कहा कि इसलिए एक कमजोर कांग्रेस हिंदुत्व के एजेंडे की चुनौती का सामना करने में असमर्थ होगी. उन्होंने कहा कि इसके समझौतावादी रवैये से भाजपा को सरकार के नियंत्रण से दूर करने में मदद नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि इसलिए जरूरत है एक मजबूत वाम की जो हिंदुत्ववादी ताकतों का मुकाबला करने के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष समूहों को एकसाथ लाने में सक्षम हो.

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सत्तारूढ़ माकपा का 4 दिवसीय राज्य सम्मेलन उसकी 23वीं पार्टी कांग्रेस से पहले आयोजित किया जा रहा है जो 6-10 अप्रैल तक कन्नूर में होने वाला है. सम्मेलन में पर्यवेक्षकों सहित लगभग 450 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. यूक्रेन पर जारी रूसी आक्रमण पर, येचुरी ने कहा कि पार्टी चाहती है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन युद्धविराम की घोषणा करें और यूक्रेन अपने नाटो बुनियादी ढांचे को नष्ट करे एवं एक तटस्थ देश बना रहे.

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उन्होंने कहा कि कोई भी देशभक्त केंद्र सरकार के बचाव और निकासी प्रयासों का विरोध नहीं करेगा, लेकिन इसका समर्थन करने का मतलब ‘‘सरकार के कदमों की सराहना'' नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार चाहती है कि छात्र ठंडे तापमान के बीच युद्ध प्रभावित खारकीव से बाहर निकलकर आसपास के अन्य शहरों में चले जाएं, जबकि उनके पास भोजन या पानी नहीं होता है और लगातार गोलीबारी हो रही है. उन्होंने कहा, ‘‘हम पहले ही एक अनमोल जीवन खो चुके हैं और अब आगे ऐसा नहीं होना चाहिए.''

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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