दिल्ली में मेडिकल सेवाओं में सुधार के लिए अदालत ने समिति के सुझावों को लागू करने का निर्देश दिया

समिति ने सिफारिश की है कि तत्काल उपाय 30 दिन के भीतर, अल्पकालिक उपाय 31 से 90 दिन में, मध्यवर्ती उपाय 91 से 365 दिन में और दीर्घकालिक उपाय एक से दो साल में लागू किए जाएं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
अदालत ने समिति को चार सप्ताह के भीतर एक पूरक रिपोर्ट दाखिल करने की स्वतंत्रता दी.
नई दिल्ली:

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्य सचिव और प्रधान स्वास्थ्य सचिव को राष्ट्रीय राजधानी में चिकित्सा सेवाओं में सुधार के लिए छह-सदस्यीय विशेषज्ञ समिति द्वारा अनुशंसित ‘‘तत्काल उपायों'' को 30 दिन के भीतर लागू करने का निर्देश दिया है. अदालत ने कहा कि चूंकि डॉ. एस. के. सरीन समिति की तत्काल सिफारिशें मानव जीवन को बचाने में काफी मददगार होंगी और किसी भी तरह से ‘‘राजनीतिक प्रकृति की नहीं'' हैं, इसलिए लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता बाधा नहीं बनेगी.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पी. एस. अरोड़ा की पीठ ने मंगलवार को 17 पन्नों के आदेश में कहा, ‘‘मुख्य सचिव और प्रधान स्वास्थ्य सचिव एक रोडमैप भी बताएंगे कि वे विशेषज्ञ समिति द्वारा बताई गई समय सीमा के भीतर मध्यवर्ती और दीर्घकालिक उपायों को कैसे लागू करना चाहते हैं.'' अदालत ने प्रधान स्वास्थ्य सचिव को चार सप्ताह के भीतर कार्रवाई-सह-स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा.

उच्च न्यायालय के 13 फरवरी के आदेश के अनुपालन में अदालत द्वारा गठित डॉ. सरीन समिति ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट और सिफारिशें प्रस्तुत कीं. अदालत का आदेश सरकारी अस्पतालों में गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में बिस्तर और वेंटिलेटर की कथित कमी को लेकर 2017 में संज्ञान ली गई एक जनहित याचिका पर आया.

समिति ने रिक्त पद, महत्वपूर्ण संकाय की कमी, बुनियादी ढांचे, चिकित्सा या सर्जिकल सामग्रियों, आपातकालीन ऑपरेशन थिएटर, ट्रॉमा सेवाएं और रेफरल प्रणाली समेत चिकित्सा प्रणाली में कुछ कमियों की ओर इशारा किया. रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति ने उच्च न्यायालय के पूर्व के आदेश पर गौर किया और सराहना की कि इस मामले में उठाई गई प्रमुख चिंताएं दिल्ली के नागरिकों के लिए आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में हैं.

Advertisement

समिति ने सिफारिश की है कि तत्काल उपाय 30 दिन के भीतर, अल्पकालिक उपाय 31 से 90 दिन में, मध्यवर्ती उपाय 91 से 365 दिन में और दीर्घकालिक उपाय एक से दो साल में लागू किए जाएं. अदालत ने समिति को चार सप्ताह के भीतर एक पूरक रिपोर्ट दाखिल करने की स्वतंत्रता दी और रजिस्ट्री से आदेश की एक प्रति निर्वाचन आयोग को जानकारी के लिए भेजने को कहा. अदालत ने इस मामले को 24 मई को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है.
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Payal Nag: एक और शीतल देवी! जिसके हाथ-पैर नहीं, उसने World Champion को हरा दिया | Khabron Ki Khabar
Topics mentioned in this article