कोरोना संक्रमितों को नई बीमा पॉलिसी लेने के लिए 3 महीने करना होगा इंतजार, जानें नियम

सभी जीवन बीमा एवं स्वास्थ्य बीमा कंपनियां कुछ खास बीमारियों से जूझ रहे लोगों को पॉलिसी जारी करने के पहले एक खास अवधि तक इंतजार करने की नीति अपनाती रही हैं. अब इसी क्रम में कोरोना संक्रमण वाले लोगों को भी शामिल किया गया है.

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बीमा कंपनियों से कोरोना को मानक प्रतीक्षा अवधि नियमों के तहत लाने की मांग की गई.
नई दिल्ली:

जीवन बीमा कंपनियों (Life Insurance Companies) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों को नई बीमा पॉलिसी (New Insurance Policy) लेने पर तीन महीने तक की प्रतीक्षा अवधि का प्रावधान कर दिया है. सभी जीवन बीमा एवं स्वास्थ्य बीमा कंपनियां कुछ खास बीमारियों से जूझ रहे लोगों को पॉलिसी जारी करने के पहले एक खास अवधि तक इंतजार करने की नीति अपनाती रही हैं. अब इसी क्रम में कोरोना संक्रमण वाले लोगों को भी शामिल किया गया है. इसके लिए उन्हें नई पॉलिसी लेने के लिए एक से तीन महीने तक इंतजार करना होगा. हालांकि यह प्रावधान सिर्फ जीवन बीमा पॉलिसी के लिए ही लागू किया गया है.

बीमा उद्योग के जानकारों का कहना है कि कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों को तीन महीने के बाद ही जीवन बीमा पॉलिसी देने की शर्त इसलिए रखी गई है कि कोरोना संक्रमण की वजह से मरने वाले लोगों की दर काफी अधिक है.

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बीमा कंपनियों से कोरोना वायरस संक्रमण मामलों को भी मानक प्रतीक्षा अवधि मानकों के अधीन लाने की मांग की गई थी. यह अवधि एक से तीन महीने तक की है. भारतीय बीमा ब्रोकर संघ (IBAI) के अध्यक्ष सुमित बोहरा ने कहा कि भारतीय बीमा कंपनियों के पास सभी जोखिमों को दर्ज करने की क्षमता नहीं है. लिहाजा 10-20 लाख रुपये से अधिक की अधिकतर बीमा पॉलिसी पर पुनर्बीमा होता है और इसीलिए कोरोना संक्रमण के मामले में प्रतीक्षा अवधि का प्रावधान किया गया है.

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एगीस फेडरल लाइफ के उत्पाद प्रमुख कार्तिक रमन ने कहा, 'टर्म बीमा योजनाओं को जीवन बीमा कंपनयां पुनर्बीमित करती हैं और पिछले दो वर्षों में बीमा दावों के अनुभव को देखते हुए इस तरह का प्रावधान किया गया है. हमें तत्काल प्रभाव से यह नियम लागू करने की जरूरत है.' उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियां पहले से ही कई बीमारियों के मामले में प्रतीक्षा अवधि रखती रही हैं और अब कोरोना संक्रमण को भी उसी सूची में शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि यह प्रावधान बीमा कंपनियां भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में अपनाती हैं.

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