ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को हुए कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन हादसे (Coromandel Express Collides)में मरने वालों की संख्या बढ़कर 261 हो गई है. न्यूज एजेंसी ANI और PTI के मुताबिक हादसे में अब तक 900 से ज्यादा यात्रियों के घायल होने की खबर है. रेलवे (Indian Railway) के मुताबिक, 650 लोग अस्पताल में भर्ती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, तीन ट्रेन की टक्कर हुई थी. इन सबके बीच हादसे की संयुक्त जांच रिपोर्ट सामने आई है. रेलवे ट्रैफिक (Railway Traffic) अधिकारियों ने यार्ड लेआउट या डायाग्राम से ये समझाने की कोशिश की है कि शुक्रवार की शाम तीन ट्रेनों की स्थिति क्या थी और उनके बीच टक्कर कैसे और क्यों हुई थी.
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि बहानगा बाजार स्टेशन की आउटर लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी. हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस यहां पटरी से उतर गई. कोरोमंडल एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया. कुल 15 बोगियां डीरेल हुईं और कुछ बोगियां छिटकर तीसरे ट्रैक पर जा गिरे. कुछ देर बाद तीसरे ट्रैक पर आ रही हावड़ा-बेंगलुरु दुरंतो ने कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों को टक्कर मार दी.
रेलवे अधिकारियों के डायाग्राम में बीच वाली लाइन "UP Line" है, जहां शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस आ रही थी. सरकारी सूत्रों ने कहा, "DN Main" के रूप में चिह्नित दूसरी लाइन पर बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस गुजर रही थी. सूत्रों ने कहा कि कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए, जिसके बाद वे बगल की लाइन पर एक मालगाड़ी से टकरा गए. ट्रेन के डिब्बे छिटककर "DN Main" लाइन पर भी गिर गए थे. बेंगलुरु-हावड़ा ट्रेन ने कोरोमंडल एक्सप्रेस के पटरी से उतरे डिब्बों को टक्कर मार दी. ऐसे में सवाल ये है कि क्या सिग्नल में हुई गलती की वजह से ये हादसा हुआ?
हालांकि, कुछ रेलवे विशेषज्ञों ने सवाल किया है कि क्या कोरोमंडल एक्सप्रेस ने "लूप लाइन" के अंदर सीधे मालगाड़ी को टक्कर मारी होगी. विज़ुअल्स में कोरोमंडल एक्सप्रेस के इंजन को मालगाड़ी के ऊपर चढ़े हुए देखा जा सकता है, जो सीधी टक्कर का संकेत देता है.
एक "लूप लाइन" मेन रेलवे ट्रैक से विभाजित होती है. कुछ दूरी के बाद मुख्य लाइन पर वापस आ जाती है. ये बिजी रेलवे ट्रैक को को मैनेज करने में मदद करते हैं. हादसा बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन के पास शुक्रवार शाम करीब 7 बजकर 20 मिनट पर हुआ. पीएम नरेंद्र मोदी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं. सरकारी सूत्रों ने कहा है कि इस हादसे की मैकेनिकल, ह्यूमन और अन्य सभी एंगल से जांच की जाएगी.
ओडिशा में हादसे के बाद 48 ट्रेनों को किया गया कैंसिल.. 39 के बदले रूट, यहां देखें पूरी लिस्ट
ओडिशा ट्रेन हादसा तकनीकी गड़बड़ी या मानवीय त्रुटि के चलते हुआ ? कौन है हादसे का जिम्मेदार