दूध को लेकर विवाद, कर्नाटक के 'नंदिनी' ब्रांड का विरोध कर रहा केरल

केरल को उम्मीद है कि कर्नाटक का 'नंदिनी' ब्रांड इस मामले में केंद्र के हस्तक्षेप के बाद केरल में अपने दुग्ध उत्पाद बेचने का फैसला वापस ले लेगा

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तिरुवनंतपुरम:

केरल की एलडीएफ सरकार ने रविवार को कहा कि वह लोकप्रिय कर्नाटक ब्रांड नंदिनी के दूध और दुग्ध उत्पादों के राज्य में प्रवेश को लेकर चिंतित है. केरल ने जोर देकर कहा कि वह इस कदम का कड़ा विरोध करेगा. पशुपालन, डेयरी विकास और दुग्ध सहकारिता राज्यमंत्री जे चिनचुरानी ने कहा कि केरल ने इस मुद्दे को हल करने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) को एक शिकायत दी है.

मंत्री ने एक टीवी चैनल से कहा, "एनडीडीबी द्वारा नंदिनी के साथ विचार-विमर्श करने के बाद हम कोई और कदम उठाएंगे."

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस मामले में केंद्र के हस्तक्षेप के बाद नंदिनी केरल में अपने दूध और दुग्ध उत्पादों को बेचने के अपने फैसले को वापस लेगी.

मंत्री ने कहा कि कर्नाटक दुग्ध विपणन संघ (केएमएमएफ) द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला व्यापारिक नाम नंदिनी है. नंदिनी के साथ-साथ केरल सहकारी दुग्ध विपणन संघ (केसीएमएमएफ) मिल्मा भी सरकार द्वारा संचालित संगठन है. इसलिए, एक के दूसरे राज्य में जाने पर उस राज्य की अनुमति होनी चाहिए.

नंदिनी द्वारा मिल्मा की तुलना में लगभग 7 रुपये कम कीमत पर दूध बेचने के मुद्दे पर मंत्री ने कहा कि यह संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि पहले जब केरल में दूध की कमी थी तब कर्नाटक सरकार की अनुमति से यहां नंदिनी का दूध बेचा जाता था और तब इसकी दरें कम नहीं होती थीं.

इस मुद्दे पर डेयरी किसानों के रुख के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि कई लोगों ने सरकार से संपर्क किया है और कहा है कि केवल मिल्मा को ही केरल में काम करना चाहिए.

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