VIDEO: हनुमान जन्मस्थान पर घमासान, तीखे शास्त्रार्थ के दौरान माइक से हमले की कोशिश, हाथापाई की नौबत

हनुमान का जन्मस्थान कौन सा है ?इस पर  नाशिक में चल रहे शास्त्रार्थ में 3 घंटे तक चर्चा चलने पर भी कोई समाधान नहीं निकला.

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Hanuman Birthplace Shaastraarth: बैठने की जगह को लेकर अंसुष्ट दिखे संत
नाशिक:

Hanuman Birthplace : भगवान हनुमान के जन्मस्थान को लेकर शास्‍त्रार्थ के दौरान मंगलवार को विवाद की स्थिति बनी. महाराष्‍ट्र के नाशिक में इस मुद्दे पर शास्त्रार्थ के दौरान हाथापाई की नौबत आई. एक संत को कर्नाटक के गोविंदानंद पर मीडिया के माइक से मारने की कोशिश करते हुए देखा गया. हनुमान का जन्मस्थान कौन सा है ?इस पर नाशिक में चल रहे शास्त्रार्थ में 3 घंटे तक चर्चा चलने पर भी कोई समाधान नहीं निकला. उल्टे एक संत की टिप्पणी पर इस कदर हंगामा हुआ कि गोविंदानंद सरस्वती पर एक संत ने मीडिया का माइक उठाकर मारने की कोशिश की.जिसके बाद गोविंदानंद सरस्वती उठ गए और चर्चा तकरार में बदल गई. मौके पर मौजूद पुलिस ने गोविंदानंद सरस्वती को एक कमरे में ले जाकर बिठा दिया और बाकी सभी से भी हॉल खाली कराया.

दरअसल ये सारा हंगामा तब हुआ जब नाशिक के संतों ने पूछा कि गोविंदानंद सरस्वती किसके शिष्य हैं? तब उन्होंने  जगतगुरु शंकराचार्य का नाम लिया,  जिस पर सुधिरदास पुजारी नाम के संत ने कहा कि वो तो कांग्रेस को समर्थन करते हैं.इस पर गोविंदानंद सरस्वती ने उंगली दिखाते हुए कहा कि आप उन्हें कांग्रेसी बोल रहे हैं. आप की हिम्मत कैसे हुई? माफी मांगिए।जिसके बाद सुधीरदास ने गोविंदानंद को मारने के लिए मीडिया का माइक उठा लिया. शास्‍त्रार्थ शुरू होने के पहले ही आसन और बैठने पर विवाद की स्थिति निर्मित हुई थी. दरअसल नाशिक और त्रयंबकेश्वर के धर्माचार्यों ने कर्नाटक से आए गोविंदानंद सरस्वती के सोफे पर बैठने की व्यवस्था और स्थानीय संतो को नीचे गद्दे पर बैठाने का विरोध किया. सभी कह रहे हैं हम चर्चा करने के लिए आए हैं लेकिन कोई एक-दूसरे की सुनने को तैयार नहीं था.

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त्रयंबकेश्वर के अनिकेत शास्त्री का कहना था कि सब की व्यवस्था सम समान होनी चाहिए. जबकि गोविंदनंद का कहना था, 'मैं एक घंटे से खड़ा था , तब तक कोई नही आया. मैं सोफे पर बैठा तब आकर हंगामा कर रहे हैं, मैं नीचे बैठने को तैयार हूं. लेकिन इन लोगों के पास प्रमाण नही है तो आसन का बहाना बना रहे हैं.' हालांकि बहिष्कार की धमकी पर कर्नाटक के गोविंदानंद सरस्वती भी नीचे जमीन पर बैठने को तैयार हुए. अब सभी साधु संत नीचे बैठकर चर्चा के लिए तैयार हो गए हैं. आखिरकार अब शास्त्रार्थ की शुरआत हो रही है.

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आपको बता दें कि महंत गोविंदानंद महाराज नाशिक के त्रयंबकेश्वर में आए हुए हैं और अपनी बात को प्रमणित करने के लिए उन्होंने त्रयंबकेश्वर के स्वामी और संतों को शास्त्रार्थ की चुनौती दी है. आज यानी 31 मई को त्रयंबकेश्वर (Nasik Dharma Sansad) में शास्त्रार्थ है. त्रयंबकेश्वर के महंत अनिकेत शास्‍त्री महाराज अंजनेरी में हनुमानजी के जन्म का प्रमाण देंगे. 

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