अवमानना मामला: सुप्रीम कोर्ट ने वकील को छह माह की जेल की सजा को ‘उचित’ बताया

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने माना कि वकील ने माफी मांग ली है और उसकी सजा को घटाकर जेल में काटी गई सजा की अवधि तक सीमित कर दिया

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
सुप्रीम कोर्ट.
नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा एक वकील को राष्ट्रीय राजधानी में उच्च न्यायालय और जिला अदालतों के न्यायाधीशों के खिलाफ ‘‘अपमानजनक, अनुचित और आधारहीन आरोप'' लगाने के मामले में आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराते हुए छह महीने जेल की सजा सुनाए जाने को ‘‘उचित'' करार दिया.मामले की सुनवाई करते हुए प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने माना कि वकील ने माफी मांग ली है और उसकी सजा को घटाकर जेल में काटी गई सजा की अवधि तक सीमित कर दिया.

वकील की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विभा दत्ता मखीजा ने पीठ को बताया कि अवमाननाकर्ता ने सभी संबंधित न्यायाधीशों के समक्ष लिखित रूप में माफी मांगी है और न्यायाधीशों और न्यायपालिका के खिलाफ अपनी आपत्तिजनक टिप्पणी भी वापस ले ली है.

पीठ ने कहा, ‘‘हमारा विचार है कि दिल्ली उच्च न्यायालय का आदेश उचित है. बाद के घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए हम सजा को पहले ही पूरी की जा चुकी अवधि तक सीमित करते हैं.''

पीठ में न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल रहे. शीर्ष अदालत ने 16 जनवरी को वकील को उन न्यायाधीशों से बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश दिया था.

उच्च न्यायालय ने नौ जनवरी को वकील को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया था और छह महीने की कैद की सजा सुनाई थी, साथ ही उस पर 2,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था. इसने यह भी निर्देश दिया था कि उसे हिरासत में लिया जाए और तिहाड़ जेल के अधीक्षक को सौंप दिया जाए.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Jhansi Medical College Fire:हादसे के बाद CM Yogi Adityanath का पहला बयान आया सामने
Topics mentioned in this article