मोदी सरनेम केस में अब सुप्रीम कोर्ट जाएगी कांग्रेस, बोले अभिषेक मनु सिंघवी- "निंदा से मानहानि होता है क्या?"

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि निंदा से मानहानि होता है क्या? ये कानूनी तौर पर गलत फैसला है, जो हम सुप्रीम कोर्ट में रखेंगे. इसमें PM की मानहानि नहीं हुई है. वह याचक कहां है? हम सुप्रीम कोर्ट जल्द जाएंगे.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins

नई दिल्ली: गुजरात उच्च न्यायालय ने 'मोदी उपनाम' वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध करने संबंधी याचिका खारिज कर दी है. राहुल गांधी की दो साल की सजा बरकरार रहेगी और उनकी सांसदी नहीं लौटेगी. अब इस पूरे मामले पर कांग्रेस पार्टी की ओर से अधिकारिक बयान आया है.

सुप्रीम कोर्ट के वकील और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस पूरे मामले में राहुल गांधी का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि ये अपील 25 अप्रैल को हाइकोर्ट में की गई थी. 67 दिन बाद फैसला आया है. ये बेमिसाल है. एक पूरे समुदाय जो अपरिभाषित है, उसमें मानहानि नहीं बनता. याचक कैसे मानहानि के शिकार हुए इसका नहीं पता चला. इसमें कहीं से द्वेष नहीं हुआ और ना ही कोई डेमेज हुआ. राहुल किसी केस में दोषी नहीं ठहराए गए है. बीजेपी के लोगों ने उनपर कई केस दर्ज करवाया है.

"...ये प्रतिशोध की राजनीति"
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मानहानि केस का दुरुउपयोग हुआ है. जनता के कोर्ट में बीजेपी की बात रखेंगे. पहले भी कहा था प्रतिशोध की राजनीति से गणतंत्र का गला घोंटने का प्रयास है. राहुल इससे डरे नहीं है. बीजेपी के झूठ का पर्दाफाश करते रहेंगे. हमें विश्वास है कि न्यायपालिका सत्य का ही साथ देगी, अहंकारी सत्ता को अंत में कड़ा जवाब देगी.

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हाइकोर्ट इसे जघन्य अपराध बताया है, जो मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट ठीक करेगा. राजनीति में कैसे आरोप लगाए जाते है? निंदा से मानहानि होता है क्या?  ये कानूनी तौर पर गलत फैसला है, जो हम सुप्रीम कोर्ट में रखेंगे. इसमें PM की मानहानि नहीं हुई है. वह याचक कहां है? हम सुप्रीम कोर्ट जल्द जाएंगे. राहुल के खिलाफ ज़्यादातर मामले बीजेपी कार्यकर्ताओं ने दाखिल किया है.

क्या है मोदी 'सरनेम' केस?
गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी. फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे.

Featured Video Of The Day
Bihar Elections 2025: Prashant Kishor की 2nd Second Candidate List Decode!