'भगोड़ों का साथ, भगोड़ों का विकास, सरकार का मॉडल बना' : कांग्रेस का केंद्र सरकार पर 'तंज'

कांग्रेस प्रवक्‍ता गौरव वल्‍लभ ने कहा, '  भगोड़ों का साथ, भगोड़ों का विकास, सरकार का एक मॉडल बन चुका है. भगोड़ों को 'एक्सपोर्ट' करने का और वही भगोड़े वहां से कंपनी बनाकर देश में सामान भेजते हैं और बेचते हैं.'  

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
कांग्रेस प्रवक्‍ता प्रोफेसर गौरव वल्‍लभ ने पेंडोरा पेपर मामले में केंद्र सरकार पर निशाना साधा
नई दिल्‍ली:

‘पेंडोरा पेपर्स'(Pandora papers) मामले में कांग्रेस पार्टी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Central Government) पर निशाना साधा है.कांग्रेस प्रवक्‍ता प्रोफेसर गौरव वल्‍लभ (Gaurav Vallabh) ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में इस मामले में सरकार पर आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया. गौरव वल्‍लभ ने कहा, '  भगोड़ों का साथ, भगोड़ों का विकास, सरकार का एक मॉडल बन चुका है. भगोड़ों को 'एक्सपोर्ट' करने का और वही भगोड़े वहां से कंपनी बनाकर देश में सामान भेजते हैं और बेचते हैं.  उन्‍होंने कहा कि संदेसरा ग्रुप में पिछले 7 सालों में यही हुआ कि लोगों का पैसा लो और सरकार के संरक्षण में फ्लाइट पकड़कर भागो और वहां कंपनियां बनाकन नितिन संदेसरा, हितेश कुमार पटेल, दीप्ति संदेसरा, चेतन संदेसरा ने 15 हजार करोड़ रुपए का बैंक को चूना लगाया.

कांग्रेस प्रवक्‍ता ने कहा, 'अक्टूबर 2017 को ये लोग भाग जाते हैं और उसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इन पर केस दर्ज करता है. इसके बाद 2020 में इन्हें Fugitive offender (भगोड़ा अपराधी) घोषित किया जाता है. इसके बाद से 31 मार्च 2020 तक इनकी कंपनी से हजारों करोड़ रुपए का क्रूड ऑयल खरीदा जाता है.पेंडोरो पेपर्स में इन्होंने 6 शेल कंपनियां बनाई और पैसे ट्रांसफर किए. 2017-18 में जबकि ईडी ने इन पर केस रजिस्टर किया हुआ है . उन्‍होंने तंज करने के भाव में पूछा, 'ये रिश्ता क्या कहलाता है?' अभी तक इनसे वसूली करने और इन्हें वापिस लाने के मुद्दे परसरकार मौन धारण किये हुए हैं? गौरव वल्‍लभ ने कहा, 'क्या देश की एजेंसिया बाकी लोगों से  भी ऐसा बर्ताव करती हैं? क्यों भगोड़े घोषित होने के बावजूद सरकार इनसे व्यापार कर रही है. PSU क्यों सामान खरीद रही है? उन्‍होंने कहा कि भारत सरकार, ईडी इस शिप की लोकेशन देखे और इन्हें पकड़े, लेकिन ऐसा क्यों नहीं कर रही है? 

गौरतलब है कि दुनिया भर में अमीर व्यक्तियों की वित्तीय संपत्ति का खुलासा करने वाले ‘पेंडोरा पेपर्स' में कारोबारियों सहित सैकड़ों धनाढ्य भारतीयों के नाम भी शामिल हैं. दरअसल, ‘इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स' ने यह रिपोर्ट जारी की, जो 117 देशों के 150 मीडिया संस्थानों के 600 पत्रकारों की मदद से तैयार की गई. इस रिपोर्ट को ‘पेंडोरा पेपर्स' (भानुमति के पिटारे से निकले दस्तावेज) करार दिया जा रहा है, क्योंकि इसने प्रभावशाली एवं भ्रष्ट लोगों के छुपाकर रखे गए धन की जानकारी दी और बताया है कि इन लोगों ने किस प्रकार हजारों अरब डॉलर की अवैध संपत्ति को छुपाने के लिए विदेश में खातों का इस्तेमाल किया.

Advertisement

- - ये भी पढ़ें - -
* आर्यन खान की जमानत याचिका पर अब 13 अक्टूबर को होगी सुनवाई
* भारत का चीन को कड़ा संदेश, LAC के शेष इलाकों से सैन्य वापसी की ज़िम्मेदारी PLA पर डाली
* ''जनता क्यों भुगते', महाराष्ट्र में बंद से नाखुश लोगों ने दी तीखी प्रतिक्रिया

Advertisement
Featured Video Of The Day
Russia Ukraine War: यूक्रेन पर मिसाइल दागकर Vladimir Putin ने मददगारों को धमकाया | NDTV India
Topics mentioned in this article