"ये एक ऑर्गेनाइज्ड लूट थी"; नोटबंदी की छठी बरसी पर कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव बल्लभ ने पूछा कि नोटबन्दी ने कौन सा लक्ष्य पूरा किया, पीएम ने कहा था कि 50 दिन बाद कहना. इस पर एक व्हाइट पेपर तो निकालो. सरकार का कोई मंत्री अब नोटबन्दी का नाम नही लेता. आपकी वजह से बेरोजगारी बढ़ गई है. आज किसी को कहे आज रात 8 बजे हर कोई डर जाता है. देश मे बेरोजगारी 7.8 फीसदी के आसपास पहुंच गई. 

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नई दिल्ली:

साल  2016 में आज ही के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नोटबंदी का ऐलान किया था, जिसके बाद 500 और 1000 के पुराने नोट चलन से बाहर कर दिए गए थे.  नोटबंदी को लेकर आज कांग्रेस प्रवक्ता गौरव बल्लभ ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. गौरव बल्लभ ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को नष्ठ करने की ये छठी बरसी है.  पिछले 6 साल से सरकार ने इसका नाम नही लिया है पर इसके दुष्परिणाम देश भुगत रहा है . उस वक्त ऑर्गेनाइज्ड लूट हुई थी. हमारी अर्थव्यवस्था को बरबाद करने की. कैश सर्कुलेशन 72 फीसदी बढ़ गया है पिछले 6 साल से. साल 2021 में स्विस बैंक ने कहा 14 साल में भारतीयों का सबसे अधिक है. बोला गया करप्शन से लड़ाई लड़ेंगे लेकिन ये अब और बढ़ गया है. फेक करेंसी भी बढ़ गई है . जम्मू कश्मीर में टेरर फंडिंग भी बढ़ गई है.

इस दौरान गौरव बल्लभ ने पूछा कि नोटबन्दी ने कौन सा लक्ष्य पूरा किया, पीएम ने कहा था कि 50 दिन बाद कहना. इस पर एक व्हाइट पेपर तो निकालो. सरकार का कोई मंत्री अब नोटबन्दी का नाम नही लेता. आपकी वजह से बेरोजगारी बढ़ गई है. आज किसी को कहे आज रात 8 बजे हर कोई डर जाता है. देश मे बेरोजगारी 7.8 फीसदी के आसपास पहुंच गई.  मोदी जी अब नोटबन्दी पर मन की बात करे. 150 लोग लाइन पर खड़े होकर मरे थे. मोदी जी आप इसे देश का सबसे खराब दिन मानते हैं,  सबको नीचे गिरा दिया. इसलिए आप देश से माफी मांगे. छोटे उधोग खत्म हो गए उसको फिर से खड़े करने का क्या प्लान है ? बेरोजगारी कैसे दूर करेंगे आप बताए. सवा चार लाख करोड़ के 2000 नोट कहां है?

इसी के साथ गौरव बल्लभ ने कहा कि गुजरात के अंदर बेरोजगारी बड़ी समस्या है. गुजरात मे सरकारी भर्ती नही होती है जब होती है तो पर्चा लीक हो जाता है. गुजरात के मुख्यमंत्री से नही पूछुंगा क्योंकि पता नही कल वह रहेंगे या नही ? मोदी जी को बताना चाहिए कि नोटबन्दी से क्या हासिल किया ? यही जानना चाहता हूं, अब क्यों नही नोटबन्दी को लेकर कोई कार्यक्रम करते है ? पहली बरसी में किया था अब क्यों नही करते हैं. 40 फीसदी कहां जाता है बोम्मई जी ..वहां की चमक कहां गई ? कश्मीर में आतंक की समस्या क्यों बढ़ रही है? बेसिक प्रॉब्लम को एड्रेस ही नही करता है, मेला लगाने से काम नही करता. केवल अखबार या टीवी का हैडलाइन से काम नही चलेगा. वहां टेरर कैम्प क्यों बढ़े.

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