कर्नाटक में बवाल के बाद अब फिर होगा जाति सर्वे, विरोध के बाद सिद्धारमैया सरकार ने लिया ये फैसला

2015 में कराए गए सर्वे की रिपोर्ट को काफी लंबे इंतजार के बाद राज्य कैबिनेट ने स्वीकार किया, लेकिन आज तक उसके आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए हैं. अलबत्ता रिपोर्ट के कुछ आंकड़े जरूर लीक होकर बाहर आए हैं, जिसको लेकर कर्नाटक के अलग-अलग वर्गों में काफी नाराजगी देखी जा रही है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार राज्य में एक बार फिर जाति सर्वे करवाएगी. पिछली बार हुए सर्वे में कई अनियमितताओं को शिकायतें आईं थीं. राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने आज राहुल गांधी के साथ बैठक की. बैठक में संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल और राज्य प्रभारी रणदीप सुरजेवाला भी मौजूद थे.

बैठक में मौजूद पार्टी नेताओं ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ जाति सर्वे और उसके आंकड़ों पर चर्चा की. ये सर्वे मुख्यमंत्री के तौर पर सिद्धारमैया के पहले कार्यकाल के दौरान 2015 में करवाए गए थे. बैठक में तय किया गया कि सर्वे में आए आंकड़े 10 साल पुराने हो चुके हैं और इन आंकड़ों पर कई लोग सवाल उठा रहे हैं इसलिए पार्टी ने फिर से सर्वे कराने का निर्देश दिया है. 

2015 में कराए गए सर्वे की रिपोर्ट को काफी लंबे इंतजार के बाद राज्य कैबिनेट ने स्वीकार किया, लेकिन आज तक उसके आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए हैं. अलबत्ता रिपोर्ट के कुछ आंकड़े जरूर लीक होकर बाहर आए हैं, जिसको लेकर कर्नाटक के अलग-अलग वर्गों में काफी नाराजगी देखी जा रही है. कहा जा रहा है कि सर्वे के आंकड़े वास्तविकता से काफी दूर हैं, जिसके चलते लोगों में असंतोष है. कांग्रेस के ही कई विधायकों और नेताओं ने सर्वे के आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं. इसी असंतोष और विरोध के बाद पार्टी और राज्य सरकार ने अपने पैर वापस खींचे लिए हैं. आज के फैसले का मतलब हुआ कि सरकार अब 2015 के सर्वे के आंकड़े जारी नहीं करेगी.

हालांकि सवाल ये है कि जब आंकड़े जारी ही नहीं करने थे तो फिर सर्वे करने में सरकारी खजाने का इतना पैसा खर्च करने का क्या औचित्य था. सवाल ये भी है कि जब केंद्र सरकार ने जनगणना के साथ ही जाति जनगणना करवाने का ऐलान कर दिया है तो फिर अलग से कर्नाटक में जाति सर्वे करने की जरूरत क्या है?

Featured Video Of The Day
Hijab Controversy पर भड़कीं Iqra Hasan, CM Nitish Kumar पर उठाए गंभीर सवाल! | Bihar Politics | UP
Topics mentioned in this article