संसद के मॉनसून सत्र के दौरान हुए हंगामे की जांच को लेकर बनने वाली समिति के प्रस्ताव को विपक्ष ने खारिज कर दिया है. पेगासस स्पाइवेयर फ़ोन हैक विवाद और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर संसद का मॉनसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया था. इस हंगामे पर जांच समिति गठित के प्रस्ताव को कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और लेफ्ट पार्टियों ने रिजेक्ट कर दिया है. राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्य सभा चेयरमैन को पत्र लिखकर जांच समिति के प्रस्ताव का विरोध किया है.
राज्य सभा में पेगासस स्पाइवेयर फ़ोन हैक विवाद और तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ विपक्षी सांसदों ने जम कर हंगामा किया था. इसकी वजह से सदन की करवाई बुरी तरह प्रभावित हुई थी.
अब राज्य सभा चेयरमैन वेंकैया नायडू ने अहम विपक्षी दलों के सामने 10 अगस्त और 11 अगस्त, 2021 को राज्य सभा में हुए हंगामे की जांच के लिए इन्क्वायरी समिति सेटअप करने का प्रस्ताव रखा है. लेकिन शुक्रवार को राज्य सभा में विपक्ष के नेता, मल्लिकार्जुन खड़गे ने नायडू को पत्र लिखकर इसे ख़ारिज कर दिया. खड़गे ने एनडीटीवी से कहा कि राज्य सभा के मॉनसून सत्र के खत्म होने के साथ ही ये विवाद खत्म हो गया है. इस मसले को फिर से जीवित करना उचित नहीं होगा.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने NDTV से कहा, "राज्य सभा चेयरमैन एक Inquiry Committee सेटअप करना चाहते हैं. राज्य सभा चेयरमैन चाहते हैं कि कांग्रेस को भी मेंबर प्रोपोज़ करना चाहिए. मैंने राज्य सभा चेयरमैन से कहा है कि Inquiry Committee सेटअप करने की आवश्यकता नहीं है. राज्य सभा एडजॉर्न हो चुका है. इस मसले को दोबारा उठाने से सांसद असहज होंगे.'' मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार पेगासस स्पाइवेयर फ़ोन हैक विवाद और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने के मसले पर चर्चा के लिए तैयार नहीं हुई. इसीलिए विपक्षी सांसद इमोशनल हो गए थे.
शिरोमणि अकाली दल ने भी इंक्वायरी कमिटी सेटअप करने के प्रस्ताव का विरोध किया है. राज्यसभा में शिरोमणि अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल ने NDTV से कहा, "कांग्रेस का स्टैंड बिल्कुल सही है. अब जांच समिति का कोई मतलब ही नहीं बनता है. राज्यसभा में जो हुआ वह सबके सामने हुआ... राज्यसभा टीवी सबकुछ दिखा रही थी. इस मुद्दे को दोबारा उठाने से किसी को कोई फायदा नहीं होगा."