दिल्ली ब्लास्ट पर कांग्रेस ने की सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग, सरकार से पूछे कई सवाल

दिल्ली ब्लास्ट का जिक्र करते हुए कांग्रेस ने कहा कि महज 7 महीनों में देश ने एक और बड़ा आतंकी हमला देखा. उन्होंने पूछा कि पहलगाम हमले से सरकार ने क्या सीखा. वह लाल किले के पास हुए धमाके को रोकने में विफल क्यों रही.

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दिल्ली ब्लास्ट पर कांग्रेस के सवाल.
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  • कांग्रेस ने दिल्ली में हुए ब्लास्ट मामले पर केंद्र सरकार से सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है.
  • पार्टी ने ब्लास्ट को आतंकी कृत्य मानने में सरकार की देरी पर भी सवाल उठाए हैं.
  • कांग्रेस ने सरकार की खुफिया विफलताओं पर सवाल उठाते हुए गृह मंत्री अमित शाह से जवाब मांगा.
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नई दिल्ली:

दिल्ली में हुए ब्लास्ट मामले पर चर्चा के लिए कांग्रेस ने केंद्र सरकार से कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने की मांग की है. इसके साथ ही पार्टी ने आतंकी हमले से निपटने के लिए सरकार को पूरा समर्थन देते की बात कही. वहीं आंतरिक सुरक्षा पर बढ़ती चिंताओं को दूर करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र को समय से पहले बुलाने की भी मांग उठाई.

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कांग्रेस ने सरकार से पूछे कई सवाल

कांग्रेस ने केंद्र सरकार से खुफिया विफलताओं पर कई सवाल पूछे. विस्फोट में मारे गए 13 लोगों के परिवारों और घायलों के प्रति संवेदना और एकजुटता जताते हुए प्रवक्ता प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार ने कहा था कि अब न्यू नॉर्मल सिद्धांत है कि आतंकी हमले को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा. अब सरकार को इस पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए.

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सरकार से पूछा कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक दिल्ली में आया कैसे, क्या गृह मंत्री हमले की ज़िम्मेदारी लेंगे. उन्होंने कहा 26/11 मुंबई आतंकी हमले के समय तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री ने इस्तीफा दे दिया था. तो क्या बार-बार हो रही खुफिया विफलताओं के बाद गृह मंत्री अमित शाह को अपने पद पर बने रहना चाहिए. इसके साथ ही कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि आतंकी हमलों को समर्थन, पोषण और प्रेरणा बाहरी ताकतों से मिलती है.

ब्लास्ट को आतंकी कृत्य मानने में वक्त क्यों लगा?

पवन खेड़ा ने पूछा कि ब्लास्ट को आतंकी कृत्य मानने में सरकार को 48 घंटे लग क्यों लगे. तीन दिनों तक भ्रम और अटकलों को बढ़ने दिया गया. उन्होंने कहा कि देश के लोगों को यह जानने का हक है कि सरकार को इसे आतंकी हमला बताने में इतना समय क्यों लगा. सरकार राजधानी के बीच में  आतंकवादी हमला रोकने में विफल क्यों रही.

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कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यह मामला घोर खुफिया विफलता का है. इस घटना ने एक बार फिर गंभीर और बार-बार होने वाली खुफिया विफलताओं को उजागर कर दिया है. उन्होंने रिपोर्टों का जिक्र करते हुए कहा कि इस हमले के सिलसिले में 2,900 किलो विस्फोटक बरामद किया गया. महज 7 महीनों में देश ने एक और बड़ा आतंकी हमला देखा. उन्होंने पूछा कि पहलगाम हमले से सरकार ने क्या सीखा. वह दिल्ली ब्लास्ट को रोकने में विफल क्यों रही. गह मंत्री अमित शाह के कार्यकाल में कई बड़े आतंकी हमले हुए हैं, तो क्या वह इसकी ज़िम्मेदारी लेंगे.

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