राम मंदिर में कथित भूमि खरीद घोटाले (Ram Mandir Ayodhya) को लेकर कांग्रेस ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो भगवान को धोखा देते हैं वो इंसानों को क्या छोड़ेंगे. उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए करोड़ों लोगों से चंदे का दुरुपयोग और धोखाधड़ी महापाप और घोर अधर्म है, जिसमें भाजपाई नेता शामिल हैं. उन्होंने कहा कि भाजपाई मर्यादा पुरुषोत्तम राम के चरित्र से एक शब्द नहीं सीख पाए. उल्टा श्री राम मंदिर निर्माण के लिए जुटाए चंदे से करोड़ों का घोटाला कर रहे हैं. कांग्रेस ने कुछ तथ्यों पर रोशनी डालते हुए दावा किया कि दुनिया के इतिहास में 5,50,000 रुपया प्रति सेकंड के हिसाब से बढ़ने वाली जमीन की यह अनोखी कीमत है. इस पैसे का भुगतान उस धनराशि से किया गया, जो करोड़ों भारतीयों ने आस्था से मंदिर निर्माण के लिए दी थी.
कांग्रेस के अनुसार कुसुम पाठक व हरीश पाठक ने अयोध्या में 12,080 वर्ग मीटर जमीन 18 मार्च, 2021 को शाम 7:10 बजे रजिस्टर्ड सेल डीड से 2 करोड़ रु. में रवि मोहन तिवारी व सुल्तान अंसारी को बेच दी. उसी दिन, यानि 18 मार्च, 2021 को शाम 7:15 बजे यही 12,080 वर्गमीटर जमीन रवि मोहन तिवारी व सुल्तान अंसारी द्वारा श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मार्फत सेक्रेटरी, श चंपत राय को 18.5 करोड़ रु. में बेचने का रजिस्टर्ड इकरारनामा कर पैसे का भुगतान कर दिया गया. उनके अनुसार 18 मार्च 2021 को शाम 7:10 व 7:15 बजे यानि पांच मिनट के बीच रजिस्टर्ड दोनों कागजात में राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी जा रही जमीन की कीमत 2 करोड़ रु. से बढ़कर 18.5 करोड़ रु. हो जाती है.
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इस मामले को लेकर कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर ट्रस्ट का गठन किया, पूरी तरह से चुप हैं, उन्हें इन सवालों का जवाह देना चाहिए, क्या भगवान राम की आस्था का सौदा करने वाले पापियों को मोदी जी का संरक्षण प्राप्त है? उन्होंने पूछा कि इस प्रकार की और कितनी जमीन मंदिर निर्माण के चंदे से औने-पौने दामों पर खरीदी गई है? कांग्रेस के सवाल के अनुसार भगवान राम के नाम पर इतना बड़ा कदाचरण भाजपा नेताओं ने कैसे किया. उन्होंने अपील की कि प्रधानमंत्री देश को जवाब दें तथा देश के मुख्य न्यायाधीश व सुप्रीम कोर्ट पूरे मामले का संज्ञान लेकर सुप्रीम कोर्ट मॉनिटर्ड जांच करवाएं.
"2 करोड़ से 18.5 करोड़ रुपये" : राम मंदिर की लैंड डील पर विवाद क्यों? जानें...