रविवार को होने वाली कांग्रेस कार्यसमिति (Congress Working Committee) की बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Rahul Gandhi Sonia Gandhi) के इस्तीफे की पेशकश की अटकलों का खंडन किया है. यूपी समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद कांग्रेस कार्यसमिति की यह बैठक होने जा रही है.कांग्रेस ने स्पष्ट तौर पर इन खबरों का खंडन किया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, अज्ञात सूत्रों के हवाले से कथित तौर पर इस्तीफे की पेशकश की खबर पूरी तरह अनुचित और गलत है. कांग्रेस का यूपी समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन रहा है. उसने पंजाब में भी सत्ता गंवा दी है. अब उसके पास अपने बलबूते सिर्फ राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ही सरकार बची है. पांच राज्यों में हार के बाद कांग्रेस के असंतुष्ट धड़े जी-23 के कुछ नेताओं की रविवार को वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के घर बैठक भी हुई थी.जी-23 ने ही दो साल पहले कांग्रेस संगठन में व्यापक फेरबदल की मांग की थी. वहीं केरल से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी कहा है कि पार्टी में बदलाव को अब टाला नहीं जा सकता. उन्होंने कहा था कि अगर पार्टी की किस्मत बदलनी है तो उसे व्यापक स्तर पर फेरबदल करना ही होगा.
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के चुनाव अभियान की अगुवाई पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने संभाली थी. कांग्रेस को 403 में से सिर्फ दो सीटों पर विजय हासिल हुई है. पार्टी का वोट प्रतिशत भी घटकर महज 2.3 फीसदी रह गया है. पार्टी की बुरी तरह पराजय के बाद गांधी परिवार के सदस्यों की आलोचना फिर उभरने लगी है. पार्टी में आमूलचूल बदलाव और नेतृत्व परिवर्तन की मांग फिर तेज होने लगी है.
हालांकि गांधी परिवार के वफादारों ने उनका पक्ष लिया है. एनडीटीवी के साथ एक इंटरव्यू में पार्टी के संकटमोचकों में से एक डीके शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस गांधी परिवार (Gandhi family)के बिना एकजुट नहीं रह सकती. उनके बिना अस्तित्व में रहना असंभव है. वहीं लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि सांगठनिक कमजोरी विधानसभा चुनाव में पराजय का मुख्य कारण है. वहीं अभिषेक मनु सिंघवी ने भी कहा है कि पार्टी का पुनर्गठन आवश्यक है.
चौधरी ने कहा, सांगठनिक कमजोरी के अलावा पंजाब में सत्ता विरोधी लहर से पार न पाना और गोवा में प्रतिद्वंद्वी तृणमूल कांग्रेस द्वारा पहुंचाया गया नुकसान जैसी कई वजहें रही हैं, जिन्होंने विधानसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचाया है. हालांकि उन्होंने पार्टी नेतृत्व में किसी भी बदलाव की जरूरत से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने पूरी ताकत से प्रयास किया.